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पीएम आवास और शौचालयों की स्थिति पर है फोकस, इस कलेक्टर ने सॉफ्टवेयर बनवाया दिया डीएम डेस बोर्ड नाम

पोर्टल पर जाकर आंकडे खंगालने की जरूरत नहीं पड़ेगी

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Plans, software built DM des board name, collector

Plans, software built DM des board name, collector

विवेक कुमार गुप्ता. टीकमगढ़.
जिले में कितने आवास बन गए है,कितने शौचालयों को लेकर अभी काम होना है और छात्रवृत्ति के साथ मजदूरों को काम मिल रहा है कि नहीं। यह सब जानने के लिए जिले के मुखिया को विभागों से जानकारी और संबंधित योजना के पोर्टल पर जाकर आंकडे खंगालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिले के मुखिया केवल एक क्लिक करते ही योजनाओं को लेकर हो रही प्रगति और धरातल की जानकारी देख सकेंगे। एनआईसी के द्वारा डीएम डेस बोर्ड के नाम से बनाई गई बेवसाईट का सोमवार को टीएल की बैठक में शुभारंभ होगा। जिला सूचना केंद्र के मैनेजर अविनाश पाठक ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है। जिसे डीएम डेस बोर्ड का नाम दिया गया है। पाठक का कहना था कि इसकी खासियत यह होगी कि कलेक्टर के द्वारा जिले के शासकीय कार्यालयों द्वारा संचालित केंद्र और राज्यों की योजनाओंं की सारी जानकारी एक प्लेटफार्म पर होगी। जिससे योजनाओं को लेकर मॉनीटरिंग के साथ ही सब पर नजर रखने में आसानी होगी।

इस तरह काम करेगा डीएम डेसबोर्ड
एनआईसी द्वारा बनाई गई बेवसाईट से सभी संबंधित योजनाओं के पोर्टल लिंक किए जा रहे है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसी भी योजना में ऑनलाईन फीडिंग किए जाने पर उसकी जानकारी ऑटोमेटिक डीएम डेसबोडऱ् पर दिखने लगेगी।
जिला सूचना केंद्र के मैनेजर पाठक का कहना था कि फिलहाल 12 योजनाएं लिंक की गई है। जिनमें स्वच्छ भारत मिशन,प्रधानमंत्री आवास,मनरेगा,उज्जवला,छात्रवृत्ति, पेश्ंान सहित अन्य योजनाएं शामिल है। उनका कहना था कि इससे विभागों के की परफोरमेंशन इंडीगेटर यानि केपीआई की जानकारी कलेक्टर को रहेगी।
समय के साथ बदलेगी प्राथमिकता
डीएम डेसबोर्ड में खास बात यह रहेगी कि कलेक्टर समय के अनुसार योजनाओं की प्राथमिकता तयकर सकेेगें। एक ही जगह विभागों की जानकारी होने से गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति और पलायन से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता पर रख पाएंगे। वहीं बारिश के समय आपदा और कृषि की योजनाओं को लेकर प्राथमिकता बता पाएगें।
कहते है अधिकारी
डीएम डेसबोर्ड से निश्चित ही योजनाओं की रोजाना होने वाली प्रगति देखी जा सके गी। इसके साथ ही समीक्षा को लेकर समय की बचत होने के साथ ही संबंधित को सीधे निर्देशित किया जा सकेगा।
अभिजीत अग्रवाल कलेक्टर टीकमगढ़।