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अजगर जैसा दिख रहा था, नजदीक गए तो सभी घबरा गए

अजगर की मिली थी सूचना, जब विशेषज्ञ पहुंचे तो हैरान रह गए...।

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Russell's Viper

टीकमगढ़। लोग जितना शेर से नहीं डरते उतना सांपों से डरते हैं, क्योंकि सांप का हमला इतना घातक होता है कि इंसान समझता है तब तक उसका काम तमाम हो जाता है। आए दिन सांप के काटने के वीडियो सामने आते रहते हैं। लेकिन, ताजा मामला टीकमगढ़ से सामने आया है। यहां अजगर जैसे दिखने वाले सांप से लोग बेखौफ थे। दो दिन से वो डेरा डाला हुआ था, लेकिन सर्व विशेषज्ञ को बुलाया तो वो भी घबरा गए। उन्होंने बताया कि यह अजगर नहीं रसेल वाइपर है। जिसे दुनिया के खतरनाक सांपों में से एक माना जाता है।

चार दिन के भीतर जिला मुख्यालय के पास दूसरी बार भारत में पाए जाने वाला सबसे जहरीला सांप रसेल वाइपर (Russell's Viper) मिला है। पपौरा के पास मिले इस सांप का वन अमले ने रेस्क्यू कर उसे मधुवन के जंगलों में छोड़ दिया है। इस सांप को भी लोग अजगर समझ रहे थे। बुधवार को वन अमले को सूचना मिली थी कि पपौरा के पास निवास करने वाले राजेन्द्र सिंह परमार के बगीचे में एक अजगर बैठा है। यह सांप राजेन्द्र सिंह परमार के बगीचे में ऐसी जगह बैठा था, जहां पर परिवार के लोग नहाने आदि के लिए भी जाते है। सूचना आने पर वन विभाग के हर्ष तिवारी ने सबसे पहले उन्हें सांप की फोटो भेजने को कहा। फोटो आते ही हर्ष तिवारी समझ गए कि यह अजगर नहीं, बल्कि रसेल वाइपर है। ऐसे में उन्होंने लोगों से उससे दूर रहने एवं नजर रखने की हिदायत दी और तत्काल ही मौके पर पहुंचे।

आधा घंटे में पकड़ में आया

हर्ष दीक्षित ने कहा कि यह वाइपर काफी एग्रेसिव था। उसे काबू में करने में लगभग आधा घंटे का समय लगा। उन्होंने बताया कि एक बार तो यह छूटकर पेड़ों के बीच भाग गया। यह काफी गुस्से में था। ऐसे में समझ में आ रहा था कि यह शायद भूखा होगा। आधा घंटे की मशक्कत के बाद इस सांप को काबू में करके उसे डिब्बे में बंद कर मधुवन के जंगलों में छोड़ दिया।

मधुवन हो सकता है केन्द्र

विदित हो कि चार दिन पूर्व 6 नवंबर को वन अमले ने पुरानी टेहरी स्थित एक खेत से भी रसेल वाइपर का रेस्क्यू किया था। यह खेत भी मधुवर की सीमा से लगा है। हर्ष तिवारी का कहना था कि मधुवन से लगे क्षेत्र में दो रसेल वाइपर मिलने से ऐसा लग रहा है कि मधुवन ही इनका आश्रय स्थल हो सकता है। हर्ष तिवारी का कहना था कि एक साल पहले तक कोरोना संक्रमण के चलते इस पूरे क्षेत्र में शांति थी। ऐसे में हो सकता है कि यहां पर कोई मादा रसेल वाइपर आ गया हो। उनका कहना है कि यह सांप एकांत में प्रजन्न करते है और एक बार में 90 से 100 बच्चें पैदा करते है। यहां से लगातार मिल रहे वाइपर के कारण संभव है कि मधुवन ही इनका नया आश्रय स्थल हो। ऐसे में उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों से सावधान रहने की अपील की है। साथ ही कभी भी इस प्रकार का सांप मिलने पर उसे तत्काल ही अजगर न समझे और इसकी सूचना वन अमले को दें।