
कलेक्ट्रेट
हर वर्ष नालों के माध्यम से नदी की ओर बह जाता है बारिश का पानी
टीकमगढ़.सरकारी कार्यालय में बनाए गए रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बंद हैं, या तो उनकी सफ ाई नहीं हुई है या वह ऐसी जगह बनाए गए हैं, जहां पानी जमा नहीं होता है। जिम्मेदारों ने उनका बंद, चालू रहने का सर्वे भी नहीं किया हैं। नियमानुसार हर सोसाइटी में बारिश के पानी को सहेजने के लिए लंबा चौड़ा गड्ढा ( पिट) बनाए जाने चाहिए। लेकिन मगर जिस तरह बल्क वेस्ट जेनरेटर यानी कूड़े को लेकर सोसाइटियों के नगरपालिका सख्त है, उस तरह रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए जाने को लेकर सख्त नहीं है। नियमों के पालन की सख्ती का अभाव लापरवाही की वजह बना रहा हैं। 90 प्रतिशत बारिश का पानी नालियों के माध्यम से नदियों ेमें चला जाता हैं।
पिछले वर्ष शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए थे। स्कूल छतों ऊपर की दीवार बढ़ाई गई थी और उसमें पाइप लाइन को लगाया गया था और नीचे गड्ढों बनाकर बारिश का पानी एकत्र किया गया था, लेकिन सरकार विभागों में यह सिस्टम होते हुए बारिश के पानी का संरक्षण नहीं किया जा रहा हैं। जिल में स्कूल, कॉलेज, गोदाम और दफ्तर ऐसी तमाम सरकारी इमारतें यहां पर हैं, जो जल संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकती हैं। कमी है तो सिर्फ रेन वाटर हार्वेस्टिग से इन्हें लैस करने की। अब तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस समय बारिश की एक-एक बूंद सहेजने पर मंथन चल रहा हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा हैं।
यहां है सभी विभागों के कार्यालय
झांसी रोड के दोनों ओर सरकारी कार्यालय बने हैं। एक ओर नगरपालिका और दूसरी संयुक्त कार्यालय के साथ जिला पंचायत। इसके साथ ही बाजार में बड़े शोरूम, मॉल, बड़ी इमारतें और सहित कई भवन भी हैं। इन भवनों में वर्षा जल संग्रहण का इंतजाम हो जाए तो सिर्फ मुख्यालय पर ही भारी मात्रा में बारिश का पानी बचाया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते अब तक यह नहीं हो सका।
मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम किया था अनिवार्य
नगर पालिका क्षेत्र में 27 वार्ड हैं। उनमें 13 हजार के करीब मकान निर्माण हो चुके है। 4 हजार ५०० के करीब खली प्लाट नगरपालिका में दर्ज है। वहीं २ हजार ५०० के करीब मकानों के नक्सा पास हुए है। सैकड़ों नक्सा पास होने के लिए नपा कार्यालय में पड़े हैं। रेट वाटर हार्वेस्टिंग की फ ीस 15०० वर्गफु ट से शुरू हो जाती है। लेकिन बारिश के पानी का संरक्षण सिर्फ नक्सा पास तक हैं। नगरपालिका का मानना है कि इससे भू-जल स्तर बढेेगा। शहर की कॉलोनियों में भवन का निर्माण तो किया गया हैं। लेकिन शर्त अनुसार हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया। 140 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर तक के लिए 7 हजार रुपए लगेंगे। 200 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के लिए 10 हजार रुपए लगेंगे। 300 वर्ग मीटर से 400 वर्ग मीटर के लिए 12 हजार रुपए लगेंगे। 400 वर्ग मीटर या उससे अधिक के लिए 15 हजार रुपए लगेंगे। सिस्टम के तहत नगर पालिका द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा। जिसके तहत पानी एकत्र होने का स्थान, पाइप, कंट्रोल वॉल्व, फ्लेश पाइप, फि ल्टर यूनिट, स्टोरेज हैं। इसके तहत सिस्टम का सत्यापन के बाद टैक्स में अधिकतम 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
नगरपालिका क्षेत्र की बड़ी कॉलोनियों में रेन वाटरहार्वेस्टिंग हैं। एरिया के हिसाब से हार्वेस्टिंग के सिस्टम लगाए गए हैं। पुराने भी हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं, लेकिन वह बंद पड़े हैं। उनका सर्वे कराया जाएगा। वहां की स्थिति अनुसार संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करके जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आज बैठक आयोजित की गई हैं, बावडी और पानी स्रोतों की साफ-सफाई की जाएगी।
गीता मांझी, सीएमओ नगरपालिका टीकमगढ़।
Published on:
07 Jun 2024 07:39 pm
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