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लकड़ी बेचने वाले बेरोजगारों को मिला पंचायत में रोजगार

जनपद पंचायत जतारा

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जनपद पंचायत जतारा

जनपद पंचायत जतारा

ऐसे युवाओं को चिन्हित करने सीईओ ने दिए आदेश

टीकमगढ़. जिले की जतारा जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत बेरवारा के आदिवासी रोजगार गारंटी योजना से बंचित थे। उन्हें गांव में रोजगार न मिलने से जंगलों से लकड़ी काटकर बाजार में बेचना पड़ता था और उससे मिलने वाली राशि से बच्चो की पढ़ाई और परिवार का भरण पोषण होता था। पत्रिका ने १६ जनवरी को खबर का प्रकाशन किया था। खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आया। बेरोजगारों को चिन्हित करके गांव में रोजगार दे दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में काम नहीं मिलने से कई परिवार बड़े शहरों में पलायन कर गए है। जो गांव में बच गए है, उन परिवारों के दर्जनों युवा जलाऊ लकड़ी बेच कर परिवार का भरण पोषण कर रहे है। ग्राम पंचायत में जॉब कार्ड बने है। उसमें १०० दिन तक मजदूरी देने का नियम है, लेकिन काम नहीं मिल पा रहा है। गांव के अन्य लोग तो पलायन कर गए है, हमारा परिवार भी पलायन के लिए तैयार हो गया था, परिवार बिखर न जाए और बच्चों की पढ़ाई बेकार न हो जाए। इस कारण से जंगलों से लकडी काटकर बाजार में बेच रहे है।

१६ जनवरी को खबर का हुआ प्रकाशन, रोजगार गारंटी योजना में दिया काम
१६ जनवरी को खबर का प्रकाशन किया और खबर में बैरवार गांव के दयाराम आदिवासी, रामदीन आदिवासी, रवि आदिवासी, प्रभू आदिवासी ने बताया था कि ग्राम पंचायत बैरवार में शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। मनमर्जी से काम किए जा रहे है। खबर प्रकाशन कि बाद जतारा जनपद पंचायत सीईओ सिद्ध गोपाल वर्मा ने सरपंच को निर्देश दिए और रोजगार गारंटी के निर्माण कार्यों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के आदेश दिए है। बैरवार सरपंच सुरेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि इन बेरोजगारों को सीईओ के आदेश पर नंदनफल उद्यान में काम दिया गया है।