
मोहनलाल की फोटो (Photo Source- X)
Mohanlal wins Dadasaheb Phalke Award: मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार और अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले मोहनलाल को भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने वाला है। भारत सरकार ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा कर दी है, जो उन्हें 23 सितंबर को दिया जाएगा। इस खबर के बाद से ही उनके फैंस के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। हर कोई काफी खुश हो रहा है और उन्हें बधाई दे रहा है।
65 साल के मोहनलाल ने अपने चार दशक लंबे फिल्मी करियर में 400 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्होंने सिर्फ मलयालम ही नहीं, बल्कि तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया है। उनकी इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत कई हस्तियों ने उन्हें बधाई दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा, "मोहनलाल जी उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई। उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहें, यही कामना है।"
मोहनलाल विश्वनाथन का जन्म 21 मई, 1960 को केरल के पथानामथिट्टा में हुआ था। उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शौक था। कहा जाता है कि जब वो छठी क्लास में थे, तो उन्होंने एक नाटक में 90 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था और इस रोल के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था।
मोहनलाल को अभिनय में गहराई और सहजता के कारण दर्शक और समीक्षक दोनों उन्हें प्यार से 'लालेट्टन' कहते हैं। मोहनलाल को इससे पहले 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं, और वे पद्म भूषण व पद्मश्री से भी सम्मानित हैं। सिनेमा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए उन्हें 'द कंप्लीट एक्टर' की उपाधि मिली है।
उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1980 में फिल्म 'मंजिल विरिंजा पोक्कल' से की थी। अपने शानदार करियर में, मोहनलाल को अब तक पांच राष्ट्रीय पुरस्कार और नौ केरल फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्मश्री जैसे बड़े सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। उनका यह सम्मान भारतीय सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान को दर्शाता है।
Published on:
21 Sept 2025 12:16 pm
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