
जानें कैसे इरफान की वजह से एक्टर बने फहद फासिल
इरफान की एक्टिंग का हर कोई दीवाना है। लेकिन फहद फासिल उनसे ना कभी मिले ना बात की। फिर भी इरफान खान फहद फासिल के आदर्श कैसे बने। ये किस्सा फहद फासिल के कॉलेज के दिनों का है।
फहद अमेरिका से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। उन दिनों में उनका निकुंज नाम का एक दोस्त था। दोनों को इंडियन फिल्म्स देखना पसंद था। पर आसपास इंडियन फिल्म्स देखने कोई व्यवस्था नहीं थी। कॉलेज कैम्पस के पास एक पाकिस्तानी ग्रोसरी शॉप थी।
फहद फासिल और उनके दोस्त अक्सर फिल्म रेंट पर लाने के लिए वहीं जाते थे। वीकेंड पर फिल्म देखने का मन हुआ। फहद फासिल और उनके दोस्त उसी दुकान पर एक बेहतर सिनेमा की तलाश में पहुंच गए। स्टोर ऑनर ने उन्हें फिल्म ‘यूं होता तो क्या होता’ की सीडी थमा दी।
बता दें कि यह इकलौती ऐसी फिल्म थी जिसे दिग्गज अभिनेता नसीरउद्दीन शाह ने डायरेक्ट किया था। फिल्म शुरू हुई और कुछ ही देर बाद सलीम राजाबली नाम के किरदार की एंट्री हुई। फहद की नज़र उस किरदार पर ही अटक गई। ऐसी कि फिल्म के नेरेटिव का आभास ही नहीं रहा।
सलीम के रूप में ऐसे एक्टर को देख रहे थे जो स्टाइलिश था, चार्मिंग था। इस किरदार में फहद को अभिनय से लगाव हो गया। फहद ने पूछा कि ये एक्टर कौन है? सामने से जवाब मिला, इरफान खान। फहद ने ये नाम पहले कभी नहीं सुना था। लेकिन फिल्म देखने के बाद ये नाम उनके ज़हन से फिर कभी नहीं निकला। आगे इरफान की फिल्में ढूंढ-ढूंढकर देखी। कहानी से उन्हें कोई मतलब नहीं होता था. वो बस स्क्रीन पर इरफान को अपना कमाल करते देखते।
इसके बाद ही फहद ने एक्टिंग में अपना भाग्य अपनाने की योजना बनाई। और इंजीनियर छोड़कर भारत लौट आए। एक्टिंग में हाथ आजमाने। उसके बाद एक लंबे संघर्ष के बाद फहद फासिल आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।
इरफान ने फहद की ज़िंदगी बदल के रख दी थी। आज वो जैसे भी कलाकार हैं, इसका श्रेय इरफान को देते हैं। उस दुकान से रेंट पर ली गई डीवीडी को देते हैं। लेकिन फहद के मन में एक मलाल रह गया। जिस आदमी ने उनकी ज़िंदगी बदली, उससे कभी मिल नहीं पाए। शुक्रिया अदा नहीं कर पाए।
Published on:
12 Nov 2021 04:49 pm
बड़ी खबरें
View Allटॉलीवुड
मनोरंजन
ट्रेंडिंग
