scriptजानिए क्यों एक ड्राइवर को समर्पित कर दिया रजनीकांत ने दादा साहब फाल्के अवार्ड | rajnikant tribute dada saheb falke award to his driver friend | Patrika News

जानिए क्यों एक ड्राइवर को समर्पित कर दिया रजनीकांत ने दादा साहब फाल्के अवार्ड

locationनई दिल्लीPublished: Nov 11, 2021 05:45:50 pm

Submitted by:

Satyam Singhai

साउथ के सुपरस्टार और ‘थलाइवा’ रजनीकांत को हाल ही हुए 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। रजनीकांत ने अपने इस अवॉर्ड को एक ड्राइवर को समर्पित किया। आइए जानते हैं ये ड्राइवर कौन हैं।

जानिए क्यों एक ड्राइवर को समर्पित कर दिया रजनीकांत ने दादा साहब फाल्के अवार्ड

rajnikant tribute dada saheb falke award to his driver friend

दरअसल जिस ड्राइवर की यहां बात की जा रही है वह और कोई नहीं बल्कि रजनीकांत के 50 साल पुराने मित्र राजबहादुर हैं। उऩकी मित्रता उस दौर की जब रजनीकांत बस ड्राइवर हुआ करते थे। इस दौरान रजनीकांत ने दोस्त को याद करते हुए ऐसी दिल छू लेने वाली बातें कहीं कि पूरा माहौल तालियों से गड़गड़ा उठा।
रजनीकांत ने बताया कि राज बहादुर ने ही सबसे पहले उनके ऐक्टिंग टैलंट को पहचाना था और उन्हें फिल्मों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया था। यह बात तब की है, रजनीकांत फिल्मों में भी नहीं आए थे। उस वक्त रजनीकांत एक बस कंडक्टर के तौर पर काम करते थे।
रजनीकांत के दोस्त राज बहादुर कर्नाटक में एक बस ड्राइवर हैं। रजनीकांत जब बस कंडक्टर थे, तो उन्होंने दूर-दूर तक भी एक्टर बनने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन दोस्त राज बहादुर की पारखी नजर का ही कमाल था कि उन्होंने रजनीकांत को फिल्मों में जाने का हौसला दिया। रजनीकांत अपने दोस्त के कारण फिल्मों में आ गए और बड़े स्टार बन गए।
लेकिन इतने बड़े स्टार बनने के बाद भी रजनीकांत अपने बस ड्राइवर दोस्त को भूले नहीं हैं। उनकी दोस्ती करीब 50 साल पुरानी है। वह राज बहादुर ही हैं, जिन्होंने शिवाजी राव गायकवाड़ को ‘रजनीकांत’ बनाया और तमिल भाषा में बोलना सिखाया।
एक इंटरव्यू में राज बहादुर ने रजनीकांत संग अपनी दोस्ती का अनूठा किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, ‘हमारी दोस्ती 50 साल पुरानी है। मैं रजनीकांत से 1970 में मिला था। उस वक्त उन्होंने बस कंडक्टर के रूप में ड्यूटी जॉइन की थी और मैं एक ड्राइवर था। हमारे पूरे ट्रांसपोर्ट स्टाफ में रजनीकांत बेस्ट ऐक्टर थे। जब भी डिपार्टमेंट में कोई कल्चरल प्रोग्राम होता था तो रजनी स्टेज पर परफॉर्म करते थे।’
राज बहादुर ने आगे बताया, ‘तब मैंने रजनी को चैन्नई जाकर ऐक्टिंग स्कूल जॉइन करने के लिए फोर्स किया। 2 साल के ऐक्टिंग कोर्स के बाद इंस्टिट्यूट ने एक फंक्शन रखा, जिसमें रजनीकांत ने परफॉर्म किया था। मशहूर फिल्ममेकर के बालाचंदर तब वहां चीफ गेस्ट थे। रजनी की परफॉर्मेंस देखकर वह उनके पास आए और कहा, ‘लड़के तमिल सीख लो।’
तब रजनी मेरे पास आए और मुझे सारी बात बताई। के बालाचंदर ने रजनीकांत से उस वक्त कुछ और नहीं कहा था। सिर्फ तमिल सीखने के बारे में कहा था। उस दिन मैंने रजनी से कहा कि वह चिंता न करें। मैंने कहा कि अब से रोज मुझसे तमिल में ही बात करना। उसके बाद जो हुआ सब जानते हैं।’
बहुत ही कम लोग यह बात जानते होंगे कि राज बहादुर ने जब रजनीकांत को एक्टिंग स्कूल में दाखिला लेने के लिए चैन्नई भेजा था तो साथ में अपनी आधी पगार यानी 200 रुपये भी दिए थे। उस वक्त राज बहादुर की मंथली पगार सिर्फ 400 रुपये थी। राज बहादुर उसमें से हर महीने 200 रुपये रजनीकांत को भेज देते थे ताकि वह अपना खर्च चला सकें।
रजनीकांत ने कई मौकों पर इसका जिक्र भी किया था। राज बहादुर और रजनीकांत की दोस्ती ऐसी है कि वह जब मन करता है वक्त निकालकर दोस्त से मिलने पहुंच जाते हैं। राज बहादुर ने अपने घर में रजनीकांत के लिए एक कमरा भी खास तौर पर रिजर्व रखा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो