read more: दूषित पान मसाला खा रहे जिले के लोग, 10 में से 9 नमूने फेल, कम्पनियों को बाजार से उत्पाद वापस लेने के निर्देश मेडिकल कॉलेज के लिए कुल 325 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद जिले के मरीजों को उपचार में सुविधा मिलेगी। साथ ही जयपुर रैफर की स्थिति बंद सी हो जाएगी। गौरलतब है कि जिला मुख्यालय स्थित जिला सआदत अस्पताल महज 275 बेड का है।
इसमें जिलेभर से प्रतिदिन मरीज आते हैं। प्रतिदिन ओपीडी करीब 1600 तथा इनडोर सवा दो सौ रहती है। सआदत अस्पताल से औसतन प्रति दिन 8 से 10 मरीज जयपुर रैफर किए जाते हैं। महीने में ये आंकड़ा 270 से 280 के बीच होता है। राज्य सरकार की ओर से दी गई स्वीकृति के बाद जिले के मरीजों को उपचार में सुविधा मिलेगी।
read more: राजस्थान में BJP को झटका, 8 निर्दलीय पार्षदों ने थामा Congress का ‘हाथ’, Sachin Pilot ने दिलाई सदस्यता जयपुर-कोटा रैफर से मिलेगी निजातजिले में फिलहाल गंभीर बीमारी या दुर्घटना होने पर जयपुर व कोटा के लिए रैफर किया जाता रहा है, लेकिन जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज खुलने से रैफर पर लगाम लगेगी। इससे जिले के मरीजों को आर्थिक नुकसान नहीं होने के साथ ही रैफर होने पर होने वाली परेशानियों से भी निजात मिलेगी।
read more:टोंक के अजय मिश्रा को झांसी में कला गुरु अवार्ड से किया जाएगा सम्मानित जिले में चौथा अस्पतालसआदत अस्पताल में मरीजों के भार से से राज्य का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी वाकिफ है। जानकारी अनुसार आउडडोर व इंडोर मरीजों के आंकड़ों में सआदत अस्पताल राज्य में चौथे नम्बर पर है। स्थानीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज खुलने से जयपुर-कोटा जैसी सुविधा टोंक में भी मिलने लगेगी।
गत दिनों जिला कलक्टर के. के. शर्मा ने मेडिकल कॉलेज के लिए युसुफपुरा चराई में 20 एकड़ जमीन आवंटित की है। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद करीब 60 हजार मरीजों का उपचार हर महीने होगा। मेडिकल कॉलेज में जयपुर जैसे वरिष्ठ विशेषज्ञों से उपचार मिल सकेगा। हालांकि वित्तीय स्वीकृति जारी होने की उन्हें जानकारी नहीं मिली है।
नवीन्द्र पाठक, पीएमओ, सआदत अस्पताल टोंक