
पुरानी टोंक क्षेत्र में जैन मंदिर की खुदाई के दौरन निकली प्रतिमा को देखने आई भीड़।
टोंक. पुरानी टोंक के माणक चौक स्थित भगवान पारसनाथ जैन मन्दिर परिसर में शनिवार को खुदाई में प्राचीन मेहराब निकला है। हालांकि मेहराब खण्डित बताया गया है। खुदाई में निकले मेहराब पर जैन तीर्थंकरों की आकृतियां समेत हाथी आदि के चित्र बने हुए हैं।
सूचना पर पहुंचे जैन समाज के लोगों ने 570 वर्ष पुराना बताते हुए इसे सम्भालकर एक ओर रखवा दिया। संत सुधासागर की प्रेरणा से पांच मन्दिर क्षेत्र में बने भगवान पारसनाथ मन्दिर को इन दिनों समाज की ओर से नया बनवाया जा रहा है।
इसके तहत मन्दिर समिति पदाधिकारियों ने इसे ढहाकर नया निर्माण कराने के लिए ठेकेदार नियुक्त कर रखा है। दोपहर बाद ठेकेदार के लोग चबूतरे की खुदाई कर रहे थे। इस बीच उन्हें मिट्टी में दबी प्रतिमा दिखाई दी। सूचना मिलते ही समाज के कई लोग मौके पर आ डटे।
उन्होंने मेहराब के अगरबत्ती आदि लगाकर एक ओर सुरक्षित रखवा दिया। मंत्री पदम कासलीवाल, सुनिल जैन आदि का कहना था कि मन्दिर 570 वर्ष पुराना है। इन दिनों इसका नया निर्माण कार्य चल रहा है। आगामी 30 नवम्बर को भूमि पूजन का आयोजन होगा।
दीक्षार्थियों की बिंदौरी निकाली
उनियारा. अग्रवाल जैन समाज, जैन सरावगी समाज के लोगों ने शुक्रवार रात दीक्षार्थियों की बिंदौरी धूमधाम से निकाली। समाज के ललित जैन ने बताया कि ब्रह्मचारी श्यामलाल, मनोरमा एवं शांता दीदी की बिंदौरी बैण्डबाजे से निकाली गई।
इसमें पहले महावीर प्रसाद, हुकमचंद के निज आवास पर इनकी गोद भराई की रस्म की गई। बाद में मंदिर परिसर ले जाकर वहां समाज के लोगों ने उनकी गोद भराई की रस्म पूरी की।
बिंदौरी गढ रोड स्थित जैन मंदिर से रवाना हुई जो सदर बाजार होती हुई बस स्टैण्ड एवं बाद में जैन नसियां पहुंची। इस दौरान शीतलनाथ कला मण्डल, केसरिया बालिका मण्डल, अग्रवाल नवयुवक मण्डल आदि के लोग नाचते-गाते चल रहे थे।
इस दौरान पालिकाध्यक्ष राकेश बढ़ाया, संदीप गुप्ता, रूपचंद गुप्ता, ओमप्रकाश गुप्ता, रमेश बढ़ाया आदि लोगों ने भी दीक्षार्थियों का आशीर्वाद लिया।
श्रद्धालुओं ने दिए अघ्र्य
बनेठा. क्षेेत्र के संूथड़ा गांव में सुखोदय तीर्थ क्षेत्र मुनि सुव्रतनाथ शनिग्रह निवारक अतिशय क्षेत्र में शनि अमावस्या पर अभिषेककर्ता मण्डल की ओर से मंडल विधान आदि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान जैन इन्द्र-इन्द्राणियों ने महामंडल विधान में मंत्रोच्चार के साथ अघ्र्य अर्पित किए। साथ ही तीर्थंकरों से परिपूर्ण शिला स्थलों की पूजा-अर्चना कर परिक्रमा लगा महाआरती उतारी गई।
Published on:
19 Nov 2017 07:46 am
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