
बदलेगा जिले को भूगोल, देवली में शामिल होगी भीलवाड़ा की पंचायतें
राजेन्द्र बागड़ी
देवली। प्रशासन की कोशिशे अगर रंग लाई तो देवली शहर का न केवल भूगोल बदल जाएगा, बल्कि राजनीति के समीकरण भी परिवॢतत हो जाएंगे। राज्य सरकार इस गंभीर विषय पर विचार कर रही है कि देवली से जुड़े सीमा विवाद स्थाई हल हो। जिससे आमजन को लाभ मिलने के साथ राजस्व सीमाओं की जटिलताएं भी दूर हो सकेगी।
दरअसल कई दशकों से देवली में चल रहे टोंक व भीलवाड़ा जिले की सीमा विवाद खत्म होने का समय नजदीक आता दिख रहा। पिछले दिनों ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से मांगे गए सीमा वृद्धि विषय पर जिला कलक्टर टोंक ने अपनी सकारात्मक रिपोर्ट भेजी है। जिससे शहर से सटे भीलवाड़ा जिले की कॉलोनियों को देवली नगर पालिका में शामिल करने की सिफारिश की गई है।
हनुमाननगर क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को नगर पालिका में शामिल करने को लेकर गत 20 अगस्त 2018 को डीएलबी ने पत्र लिखकर उक्त विषय में स्थानीय प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी थी। इस पर उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार त्यागी ने तहसीलदार देवली, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका से रिपोर्ट ली। जिसमें इन ग्राम पंचायतों को नगर पालिका में शामिल करने की अनुशंषा की।
आमजन की बताई मांग- ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिवालय को भेजी रिपोर्ट में बताया गया कि देवली शहर के लिए मास्टर प्लान 2003-2023 लागू है। मास्टर प्लान के तहत टोंक के राजस्व ग्राम देवली, अम्बापुरा व माधोसिंहपुरा तथा जिला भीलवाड़ा तहसील जहाजपुर के राजस्व ग्राम कुंचलवाड़ा कलां व ऊंचा को कम किया जाकर अम्बेडकर कॉलोनी व हनुमाननगर नए राजस्व ग्राम बनाए गए।
इसमें ऊंचा, अम्बेडकर कॉलोनी, कुंचलवाड़ा कलां व हनुमाननगर के 4265 खसरों के 2176 हैक्टेयर क्षेत्रफल को 2011 की 11229 जनसंख्या बताई गई। इसमें बताया कि आमजन की शुरू से मांग रही है कि देवली नगर का इन पंचायतों से सीमा मिलती है। ऐसे में उक्त राजस्व ग्राम में बसे लोगों की काफी पुरानी मांग है कि उनके क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल कर लिया जाए।
लोगों को मिलेगी सुविधा-
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिवालय को भेजी रिपोर्ट में बताया गया कि राजस्व ग्राम कुंचलवाड़ा कलां व ऊंचा में करीब 15 अरुपान्तरित कॉलोनियां बसी है। जो बिना प्लॉन के विकसित होने से यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इन कॉलोनियों में सडक़े, नालियां, रोड लाइट व पेयजल सुविधा का अभाव है। यदि इन कॉलोनियों को नगर पालिका देवली क्षेत्र में शामिल कर लिया जाए तो इनका सुनियोजित तरीके से विकास होगा।
नगर पालिका का स्वयं का लैण्डबैंक होगा-
रिपोर्ट में बताया कि नगर पालिका देवली की जनसंख्या 2011 के अनुसार 22065 है, जो कि वर्तमान में 2019 के अनुसार 25000 हो गई है। निकट भविष्य में इन राजस्व ग्रामों को नगर पालिका क्षेत्र में सम्मिलित किया जाएं तो तो देवली की जनसंख्या 60 से 65 हजार हो जाएगी। जिसके आधार पर केन्द्र व राज्य सरकार से अनुदान में वर्तमान की तुलना में बढ़ोतरी होगी। साथ ही नगर पालिका का स्वयं को लैण्डबैंक होगा। जिस पर नगर पालिका विभिन्न प्रकार की डवलपमेंट प्लान तैयार कर सकेगी।
मूलभुत सुविधाओं का होगा विस्तार- रिपोर्ट में बताया कि राजस्व ग्राम कुंचलवाड़ा कलां व ऊंचा जो कि भौगोलिक रुप से जहाजपुर में आते है। लेकिन यहां पेयजल, बिजली, दूरसंचार, सफाई, रोशनी सहित सुविधाओं देवली से पूरी होती है। लिहाजा इन्हें पालिका क्षेत्र में मिलाने से यहां मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा। जबकि वर्तमान में मास्टर प्लान के अनुसार कृषि भूमि का नियमन व रुपान्तरण नगर पालिका देवली द्वारा किया जा रहा है।
जिसका राजस्व पालिका वसूल रही है, लेकिन पालिका की ओर से उक्त क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं कराया जा रहा है। लिहाजा यहां के वाशिन्दे वर्षो से नारकीय जीवन जी रहे है। रिपोर्ट में बताया कि समीपस्थ राजस्व गांव में काफी मात्रा में सरकारी भूमि है। जिन पर आए दिन अतिक्रमण होते है।यदि इन भूमि को पालिका में शामिल किया जाकर विकास प्लान तैयार किया जाए तो राजस्व की प्राप्ति होगी। साथ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होने से बचेगा।
राजकीय कार्यालय से दूरी- गौरतलब है कि यंू तो उक्त राजस्व ग्राम के निवासी देवली शहर से जुड़े है। लेकिन इन्हें जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास, पुलिस सत्यापन सहित सरकारी कामकाजों के लिए जहाजपुर व भीलवाड़ा जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते है। राजस्व ग्रामों की तहसील मुख्यालय से दूरी 22 किमी. व जिला मुख्यालय की दूरी 115 किमी. है।
अलबत्ता इन क्षेत्रों को नगर पालिका में शामिल कर लेने से तहसील मुख्यालय की दूरी महज एक किमी. व जिला मुख्यालय की दूरी 65 किमी. रह जाएगी। जिससे उक्त क्षेत्र के निवासियों को बेहद सुविधा होगी। इसी प्रकार रिपोर्ट में कानून व्यवस्था व देवली शहर के समूचित विकास के लिहाज से राजस्व ग्राम कुंचलवाड़ा कलां व ऊंचा को देवली नगर पालिका में शामिल करने को जनहित में नितान्त आवश्यक बताया है।
भेज चुके रिपोर्ट है- सरकार से जहाजपुर तहसील के उक्त दो राजस्व गांवों को देवली नगर पालिका में शामिल करने को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी। जमीनी स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर जिला कलक्टर को भेजी जा चुकी है। वहीं जिला कलक्टर कार्यालय से भी रिपोर्ट सचिवालय भेज चुके है। रिपोर्ट में आमजन की मांग व समस्याओं को देखते हुए राजस्व ग्रामों को नगर पालिका देवली में शामिल करने की सिफारिश की गई है। निर्णय सरकार अपने स्तर पर करेगी।
Published on:
25 Aug 2019 09:26 am
बड़ी खबरें
View Allटोंक
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
