
टोंक.सोहेला-डिग्गी मार्ग सडक़ फूलों के स्थान पर ‘कांटों’ भरी हो चली है। वाहनों के कदम-दर-कदम हिचकोले खानेे से आए दिन हादसे हो रहे हैं।
टोंक. राज्य की मुख्यमंत्री की ओर से करीब डेढ़ दशक पहले सोहेला डिग्गी सडक़ को फूलों वाली सडक़ बनाने का किया वादा आज भी अधूरा है। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के चार वर्ष के कार्यकाल में भी ये पूरा नहीं हो सका है। इससे मुख्यमंत्री के वादे से लोगों का मोह भंग होने लगा है।
सोहेला-डिग्गी मार्ग जिले की एमडीआर (मैजर डिस्ट्रिक्ट रोड) नम्बर वन है। मुख्यमंत्री ने अपने पहले कार्यकाल के पहले ही बजट में डिग्गी-सोहेला सडक़ को फूलों वाली सडक़ बनाने की घोषणा की थी, लेकिन यह सडक़ फूलों के स्थान पर ‘कांटों’ भरी हो चली है। वाहनों के कदम-दर-कदम हिचकोले खानेे से आए दिन हादसे हो रहे हैं।
वाहनों में मरम्मत का खर्च बढ़ रहा है। आए दिन बाइक सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं, लेकिन विभाग अपनी बेबसी बताते हुए ध्यान नहीं दे रहा। झिराना बस स्टैण्ड से मात्र एक किलोमीटर दूर नाथड़ी की ओर सडक़ के बीच हुए गहरे गड््ढे की एक साल से मरम्मत नहीं की जा रही है। यह तो बानगी है।
कदम-कदम पर हुए गड््ढे रात के समय वाहन चालकों को दिखाई नहीं देने से आए दिन वाहन पलट रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री की ओर से निकाली गई परिवर्तन यात्रा में जनता से वादा किया था कि वे इस एमडीआर नम्बर एक के विस्तार व नव निर्माण के लिए बजट पारित किया जाएगा।
पहले बजट में इसकी घोषणा भी कर दी गई, लेकिन काम आज तक शुरू नहीं हुआ। जबकि मुख्यमंत्री दूसरी सत्ता में आने के बाद चार वर्ष का कार्यकाल भी पूरा करने जा रही हैं, लेकिन वर्ष 2003 की परिवर्तन यात्रा में किया गया यह वायदा जुमला ही साबित हो रहा है।
डिग्गी से बोरखण्डीकलां तक सडक़ बनाई जा चुकी है। अब बोरखण्डीकलां से सोहेला तक 31 किलोमीटर दूरी की सडक़ के लिए कॉर्पोरेशनने 104 करोड़ रुपए के प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं, लेकिन बार-बार ऑब्जेक्शन आने से कार्य लम्बित है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी कॉर्पोरेशन कार्य शुरू करा देगा।
जे. पी. चतुर्वेदी, परियोजना निदेशक कार्यकारी एजेन्सी राजस्थान रोड स्टेट डवलपमेंट कॉर्पोरेशन
Published on:
20 Nov 2017 08:03 am
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