18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan News: किसानों के चेहरे पर छाई खुशी, बनास की खीरा- ककड़ी दे रही दोहरी फसल का मुनाफा

Rajasthan News: बनास नदी में किसान हर वर्ष जमीन समतल करवाकर क्यारियां बनाकर क्यारियों में गोबर की खाद व दोमट मिट्टी डालकर खीरा ककड़ी, लोकी, कद्दू मिर्च व करेला का बीज लगाकर करते हैं। यह बुआई अक्टूबर से नवम्बर माह में की जाती हैं।

2 min read
Google source verification

टोंक

image

Kirti Verma

Jan 02, 2024

cucumber_crop_.jpg

बनवारी वर्मा
Rajasthan News: बनास नदी में किसान हर वर्ष जमीन समतल करवाकर क्यारियां बनाकर क्यारियों में गोबर की खाद व दोमट मिट्टी डालकर खीरा ककड़ी, लोकी, कद्दू मिर्च व करेला का बीज लगाकर करते हैं। यह बुआई अक्टूबर से नवम्बर माह में की जाती हैं। जो दिसम्बर व जनवरी से तैयार फसल तोड़ना शुरू कर देते हैं। जो फसल फरवरी मार्च तक रहती है। कद्दू व लोकी खीरा ककड़ी के साथ चालू हो जाती है। वहीं फरवरी मार्च से उसी खर्च में लगाई गई करेला व मिर्च की फसल तैयार हो जाती है जो मई जून तक चालू रहती है।

बीसलपुर बांध के डाउन स्ट्रीम में बहती बनास नदी के रेतीले भाग में बोई जाने वाली खीरा ककड़ी की फसल इन दिनों दिल्ली की आजादपुर मंडी में अपनी अलग ही पहचान बनाती जा रही है। इन दिनों दिनों बांध के डाउन स्ट्रीम में स्थित बीसलपुर पवित्र दह के निकट, राजमहल के डेढ़ कांकरी, शिलाबारी दह के पास, भगवानपुरा, नयागांव,सतवाडा आदि गांवों से रोजाना तीन ट्रकों से अधिक खीरा ककड़ी की फसल दिल्ली की आजादपुर मंडी में बिकने के लिए पहुंच रही हैं। जहां अन्य खीरा ककड़ी से अधिक स्वादिष्टता व मीठापन को लेकर अधिक दामों पर बिक रही है।

बनास नदी में बजरी की सतह पर पानी की मात्रा की अधिकता के चलते यहां की खीरा अधिक स्वादिष्ट व पैदावार भी अधिक मात्रा में होती है। बनास की खीरा ककड़ी में कड़वाहट नहीं के बराबर होती है। वही खीरा में बीज काफी कम मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे अन्य खीरा की अपेक्षा लोग सलाद में अधिक काम लेते हैं। अधिक पैदावार के चलते किसानों को मुनाफा भी अधिक होता है। खेतों की अपेक्षा बनास के किसान दोगुना से तीन गुना तक अधिक दाम कमा लेते हैं।

शादी पार्टियों पर बढ़ती मांग जिस पर निर्भर दाम: दिल्ली की आजादपुर मंडी के साथ ही निकटवर्ती जयपुर,कोटा, बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा आदि मंडियों में खीरा ककड़ी की मांग शादी पार्टियों में अधिक होती है।

यह भी पढ़ें : अब हिंदी में करने होंगे हस्ताक्षर, अंग्रेजी में नहीं होंगे मान्य, जारी हुए ऐसे नए निर्देश

एक साथ दोहरी फसल का मुनाफा
बनास नदी में किसानों की ओर से खीरा ककड़ी की फसल के साथ ही एक ही खर्च में लोकी, कद्दू ,टमाटर, मिर्च,करेला आदि की फसल भी तैयार कर लेते हैं। जिससे किसानों को एक फसल में दोहरा मुनाफा होता है। एक फसल के भाव में गिरावट के बाद दूसरी फसल में मुनाफे से किसानों को घाटे से उभार भी मिल जाता है। किसानों ने बताया कि बनास नदी में बोई गई फसलें शीत लहर,रोग की चपेट से बच जाये तो अन्य खेती से चार गुना मुनाफा दे देती है।

यह भी पढ़ें : राजस्थान के इस शहर में लगेगा एशिया का तीसरा बड़ा ग्लास प्लांट, इतने लोगों को मिलेगा रोजगार, ये होगी खासियत