
बंथली. दायीं मुख्य नहर के दाखिया माइनर के टूटने से फसलें जलमग्न हो गई। किसान को अपने स्तर पर खेतों में भरे पानी को निकालने की जुगत में लगे रहे।
बंथली. किशनपुरा-सांखनी मार्ग स्थित बीसलपुर बांध की दायीं मुख्य नहर के दाखिया माइनर के टूटने से फसलें जलमग्न हो गई। किसान को अपने स्तर पर खेतों में भरे पानी को निकालने की जुगत में लगे रहे। किशनपुरा निवासी कन्हैयालाल जाट सहित किसानों ने बताया कि माइनर के टूट जाने से खेतों में पानी भर गया।
किसान माइनर का पानी बंद करा खेतों में भरे पानी को अपने स्तर पर बाहर निकालने में जुट गए। उन्होंने बताया कि माइनर से पानी का रिसाव चार-पांच दिन से हो रहा था। इसकी सूचना परियोजना अभियंताओं को दी, लेकिन सुनवाई नहीं करने से माइनर टूट गई। परियोजना के सहायक अभियंता अजय शर्मा का कहना है कि माइनर के साइफन से पानी का रिसाव होने लगा था।इसकी मरम्मत करा दी गई है। जेसीबी मशीन से मिट्टी भी भरवा दी जाएगी।
श्योदानपुरा बांध की नहर 18 को खोलेंगे
उनियारा. क्षेत्र के दूसरे बड़े बांध श्योदानपुरा से निकल रही नहर में 18 नवम्बर से पानी छोड़ा जाएगा। यह निर्णय गुरुवार को उपखण्ड अधिकारी कैलाशचन्द गुर्जर की अध्यक्षता में आयोजित जल वितरण समिति की बैठक में किया गया।
सहायक अभियन्ता मानसिंह ने बताया कि बारिश कम होने से 17 फीट की भराव क्षमता वाले श्योदानपुरा बांध में वर्तमान में 6 फीट पानी है। इसमें से वन्य जीवों के लिए 4 फीट पानी आरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा दो फीट पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाना है।
बैठक में मौजूद किसानों एवं जल उपभोक्ता संगम सदस्यों ने नहरों की सफाई व मरम्मत कराने पर जोर दिया। सहायक अभियन्ता ने बताया कि 2 दिन में नहर की मरम्मत व सफाई करा ली जाएगी। बैठक में जल उपभोक्ता संगम अध्यक्ष हनुमान मीणा, कनिष्ठ अभियन्ता रबीना मीणा, राजेन्द्र चौधरी आदि मौजूद थे।
नोजल जब्त किए
उनियारा. क्षेत्र के गलवा बांध की नहरों से पानी चोरी करने वालों के अवैध इंजन पम्प सेट के जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस की मदद से नोजल जब्त किए। वहीं कुछ स्थानों पर अवरोधक हटाकर पानी का प्रवाह सुचारू किया गया है।
बांध की नहर कमाण्ड क्षेत्र के किसानों की रबी की फसल की सिंचाई के लिए जल वितरण समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 22 अक्टूबर को खोली गई थी, लेकिन करीब 20 दिन गुजर जाने के बावजूद नहरों में अवरोधक लगाने एवं अवैध रूप से इंजन पम्पसेट लगाने के कारण पानी का प्रवाह आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
इससे अन्तिम छोर के किसानों की फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही थी। कनिष्ठ अभियन्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि अन्तिम छोर पर पानी पहुंचाने के लिए पुलिस की मदद ली है। उन्होंने बताया कि पुलिस की मदद से मुख्य नहर एवं ब्रांच केनाल पर लगे आधा दर्जन अवैध इंजन पम्पसेट के नोजल जब्त किए गए। साथ ही नहर एवं माइनर में लगे पांच जगह से अवरोधक हटवाए गए हैं। इससे पानी के प्रवाह ने गति पकडऩा शुरू कर दिया है।
Published on:
17 Nov 2017 08:53 am
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