
अस्पताल को उपचार की जरूरत, बरसात में टपक रही छतें, चूना गिरने से दिखने लगे सरिए
रानोली कठमाणा. क्षेत्र के कठमाणा का राजकीय प्राथमिक चिकित्सालय प्रशासनिक अनदेखी के चलते कई अव्यवस्थाओं का शिकार है, जिसकी वजह से यहां पहुंचने वाले रोगियों को समुचित उपचार का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह भवन देखरेख के अभाव में इन दिनों काफी खस्ताहाल में हुआ है, जिसमें छतों से पानी गिरता है, वहीं चूना भी गिरने सहित लोहे के सरिए दिखने लगे है।
ऐसे हाल में चिकित्साकर्मी रोगियों को भर्ती करने तथा महिलाओं के प्रसव कराने में कतराते हैं। चिकित्साकर्मी मात्र चिकित्सालय पहुंचने वाले रोगियों को परामर्श देकर नि:शुल्क दवा देते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहे हैं। चिकित्सालय के जीर्णोद्धार को लेकर कई बार सीएमएचओ टोंक को स्थानीय चिकित्सा प्रभारी ने पत्र भेजकर अवगत कराया, लेकिन अनदेखी के चलते जर्जर भवन में ही चिकित्सा व्यवस्था चलाना उनकी मजबूरी बनी हुई है।
चिकित्सालय भवन की मरम्मत का कार्य शीघ्र नहीं किया गया तो कभी भी यहां बहुत हादसा घटित हो सकता है। मारे भय के चिकित्सा कर्मी वार्ड, कमरों में तो बैठते ही नहीं है, बल्कि चिकित्सालय के बाहर हाल में बैठकर रोगियों की देखभाल करते हैं। छतों से पानी टपकने के कारण उपचार संबंधी दवाइयां बेकार होती है, वहीं उपकरण जंग खा रहे हैं।
35 वर्ष पुराना हैं भवन
कठमाणा निवासी रामजीलाल यादव ने बताया 35 वर्षों पहले यहां उपस्वास्थ्य केंद्र को क्रमोन्नत करके प्राथमिक चिकित्सालय सृजित किया गया था, साथ ही सरकार ने 22 लाख रुपए की लागत से चिकित्सालय का भवन रोगियों को भर्ती करने, व्यवस्थित उपचार करने, दवाओं के रखरखाव को लेकर बनाया गया था। वर्तमान में भवन पूरी तरह से जर्जरावस्था में हैं तथा यहां छतें टपकती हैं, जिससे मरीजों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा हैं।
इनका कहना है
भवन कई वर्षों पुराना हैं, बारिश ज्यादा होने से छत से पानी टपक रहा हैं। बचने को लेकर प्लास्टिक का तिरपाल छत पर लगा रखा हैं। इससे अभी तक दवा, टीकाकरण कक्ष सुरक्षित हैं। तेज बारिश के समय परेशानी होती हैं। भवन की जर्जरावस्था को लेकर उच्च अधिकारियो को अवगत करवाा हुआ हैं।
डॉक्टर पुखराज पहाडिय़ा, चिकित्सा प्रभारी, राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कठमाणा
Tonk News in Hindi, Tonk Hindi News
Published on:
21 Aug 2019 05:39 pm
बड़ी खबरें
View Allटोंक
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
