कुछ ऐसा ही आवां स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय
State Ayurvedic Hospital में कार्यरत महिला नर्सिंग कर्मी
Nrsingkrmi दिव्यांग रेखा चौधरी के साथ घटित हो रहा है। रेखा Rekha का पति सैनिक बन देश के दुश्मनों से लड़ रहा है तो ये अपने हक और अधिकार के लिए प्रदेश सरकार से।
read more: डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दी टोंक जिले को सौगात, पेयजल के लिए साढ़े चार करोड़ रूपए की राशी की जारी लाख जतन करने के बावजूद भी 75 फीसदी से भी अधिक और स्थाई दिव्यांग इस कार्मिक का देवली स्थानान्तरण नहीं हो पा रहा है। हालात ये है कि इसके पति केन्द्र सरकार के अधीन सीआईएसएफ
CISF में राज्य से बाहर कार्यरत है।
read more: तोहफा: सीएम भी दे रहे गरीबों को आयुष्मान का लाभ दो मासूम बालिकाएं, दादी के साथ उसके निवास देवली में रहने को मजबूर है। यही नहीं नसीब की मारी रेखा विगत चार वर्षों से स्केलियोसिस Scalios बीमारी से ग्रसित होने के कारण असहनीय कमर दर्द
back pain से भी पीडि़त है, जिससे इसके लिए देवली से आवां की 40 किमी की दूरी भी पार नहीं करना आसान नहीं है।
read more: मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को गहलोत सरकार ने डाला ठंडे बस्ते में… चिकित्सकों ने भी उसे कम से कम यात्रा करने की हिदायत दे रखी है। रेखा ने बताया कि विगत वर्षों मेें उसने विभाग के अधिकारियों सहित सरकार के विधायक और मंत्रियों के अलावा मुख्यमंंत्री
cm तक से रुबरु होकर देवली स्थित औषधालय में स्थानान्तरण किए जाने की अर्जियां लगाई है।
read more: एक लाख तक के ऋणी किसानों को अब भी इंतजार सरकार के रहम का इंतजार बीमारी का प्रमाण-पत्र लगाने के साथ विकलांग व्यक्तियों की नियुक्ति और पदस्थापन गृह जिले के साथ उनके सुविधा स्थल पर लगाने के प्रमुख शासन सचिव के आदेश भी शामिल किए हैं, पर कहीं सुनवाई नहीं हुई।
read more: जनता को चुकानी पड़ रही है सरकार और विपक्ष के नकारेपन की कीमत गत दिनों टोंक
tonk में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट Deputy Chief Minister Sachin Pilot की जनसुनवाई Public Hearing में सबसे पहले रेखा ने ही पीड़ा व्यक्त की थी। नम आंखों से रेखा ने बताया कि राहत प्रदान करने के ये आदेश भी उसके लिए महज कागजी साबित हुए हैं। उसे वृद्ध सास के साथ अबोध बालिकाओं की चिन्ता दिन रात सताए हुए है।
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