
नियमों को ठेंगा दिखाते हुए बालवाहिनी के रूप में कई निजी वाहन ठसाठस भरे दिनभर दौड़ते रहे।
टोंक. उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में रेलवे क्रॉसिंग पर 13 चिराग बुझने के बावजूद जिले के शिक्षा व परिवहन विभागीय अधिकारी नहीं चेते। चौंकाने वाली बात यह थी कि नियमों को ठेंगा दिखाते हुए बालवाहिनी के रूप में कई निजी वाहन ठसाठस भरे दिनभर दौड़ते रहे। इतना ही नहीं कई बस चालकों ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी तो कोई मोबाइल फोन पर बात करने में लगा था।
ऐसे में बिन सुरक्षा मासूमों की जान जोखिम में है। उल्लेखनीय है कि यूपी के कुशीनगर में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर गुरुवार सुबह हुए हादसे में 13 स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। हादसे के पीछे यह कारण सामने आया कि चालक ने ईयरफोन लगा रखा था।
ऐसे में वह रेल के आने की आहट व बच्चों के चिल्लाने की आवाज नहीं सुन सका। जिले में भी कई निजी विद्यालयों की ओर से दौड़ रही बालवाहिनी मे नियमों का उल्लंघन हो रहा है। अधिकतर निजी विद्यालयों की ओर से लगाए गए ऑटों में 15 से 20 तक विद्यार्थी सवार थे।
जो बाहर तक लटके हुए थे। कई निजी बसों में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था। जबकि सभी बसों में अग्निशामक यंत्रों सहित कई मापदण्डों का पूरा होना जरूरी है। इसके साथ ही अधिकतर बालवाहिनी बसों के काच के पास लोहे के रैलिंग नहीं लगी हुई है।
ये होना जरूरी
-वाहन पीले रंग से पुता हुआ हो
-वाहन पर बालवाहिनी लिखा हुआ हो
-दरवाजे पर लॉक लगने की व्यवस्था हो
-वाहन पर चालक, परिचालक व विद्यालय के नाम व मोबाइल नम्बर लिखे हुए हो
-वाहनों का परमिट व फिटनेस हो
-खिड़कियों पर रैलिंग लगी हुई हो, जिससे बालक मुंह व हाथ बाहर नहीं निकाल सके।
-चालक पांच वर्ष
से अधिक अनुभवी वाला हो।
-वाहन के साथ कैयरटेकर होना जरूरी है, जो बालकों को चढ़ा व उतार सके।
-वाहन में स्पीड गवर्नर व जीपीएस सिस्टम लगा हुआ हो।
विद्यालय संचालकों को बालवाहिनी के नियमों का फार्मेट दिया हुआ है, जिसमें सभी 11 बिन्दुओं को पालन करने के निर्देश है। जांच एवं कार्रवाई करने का कार्य जिला परिवहन अधिकारी का है।
सीताराम साहू, कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी टोंक।
गत दिनों हुई बैठक में आवश्यक निर्देशों की पालना करने के लिए संचालकों को निर्देश दिए गए थे। इनमें महज 40 विद्यालय संचालकों की ओर से ही बालवाहिनी में बरती जा रही सुविधाओं की सूचना दी है। फिलहाल परीक्षा सीजन है। मई के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में बालवाहिनी के रूप में चल रहे वाहनों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
आर. के. चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी टोंक।
Published on:
01 May 2018 08:36 am
बड़ी खबरें
View Allटोंक
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
