
Naresh Meena Slap Case: देवली-उनियारा उपचुनाव में वोटिंग के दौरान एसडीएम के थप्पड़ मारने के बाद हुए बवाल के मामले में गिरफ्तार निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। साथ ही कोर्ट ने सभी 52 आरोपियों को जेल भेज दिया है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह पूरा मामला एक आदेश के बाद हुआ था, जिसके कारण पूरे राजस्थान में बवाल मचा गया था।
बता दें कि सौम्या झा टोंक जिले की कलक्टर हैं और देवली उनियारा उपचुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी का काम संभाल रही हैं। वोटिंग वाले दिन जब समरावता गांव में ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू किया तो सौम्या झा ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना से बात करनी चाही और 6 कॉल भी किए। लेकिन, नरेश मीना ने कॉल तक नहीं उठाया। इसके बाद कलक्टर के आदेश पर एसडीएम अमित कुमार मौके पर गए। वो ग्रामीणों से वोट डालने के लिए समझाइश कर रहे थे, तभी नरेश मीना ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया और फिर बवाल मच गया। हालांकि, अब पूरी तरह से शांति बनी हुई है। आइए जानते हैं टोंक जिले की कलक्टर के बारे में।
बिहार की रहने वाली सौम्या झा ने यूपीएससी की परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की थी। वह हिमाचल प्रदेश कैडर 2017 बैच की आईएएस हैं। लगभग चार साल पहले 2019 में उनका कैडर बदला गया था। इसके बाद वह राजस्थान पहुंच गईं। उन्होंने अपना कैडर आईएएस अक्षय गोदारा से शादी करने के लिए बदला था। सौम्या झा डॉक्टर से आईएएस बनी हैं। अपने पहले ही प्रयास में सौम्या ने यूपीएससी में सफलता हासिल की थी। उनकी मां डॉक्टर हैं और रेलवे में कार्यरत हैं। जबकि पिता आईपीएस अधिकारी हैं। वह अक्सर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को टिप्स देती हैं।
आईएएस सौम्या झा की कलेक्टर के रूप में टोंक में पहली पोस्टिंग है। वे टोंक की सबसे कम उम्र की कलेक्टर हैं। कलेक्टर बनते ही सौम्या अपने काम को लेकर सुर्खियों में आई थी। उन्होंने टोंक के आबादी क्षेत्र में वर्षों से चल रहे एक दर्जन से ज्यादा अवैध बूचड़खानों को सीज करवाया था। इसके बाद उनकी खूब तारीफ हुई थी। आईएएस डॉ. सौम्या झा को गत दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संयुक्त सचिव बनाया गया था।
इससे पहले सौम्या ने राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद, जयपुर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका निभाई। सौम्या झा गिरवा (उदयपुर) में उपखंड अधिकारी और उपखंड मजिस्ट्रेट रह चुकी हैं। साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सह-ए.डी.पी.सी., ई.जी.एस. और पदेन मुख्य परियोजना अधिकारी (माडा), टोंक के पद पर तैनात रह चुकी हैं।
Updated on:
16 Nov 2024 11:02 am
Published on:
15 Nov 2024 04:11 pm
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