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राजस्थान में भाजपा की तीसरी सूची जारी, टोंक में सचिन पायलट के सामने होंगे अजीत मेहता, फिर पुराने उम्मीदवारों पर जताया भरोसा

Rajasthan Election: भाजपा की ओर से गुरुवार को जारी की गई तीसरी सूची में टोंक एवं निवाई विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों की घोषणा की गई।

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टोंक

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Nupur Sharma

Nov 03, 2023

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Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा की ओर से गुरुवार को जारी की गई तीसरी सूची में टोंक एवं निवाई विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों की घोषणा की गई। टोंक से अजीत सिंह मेहता एवं निवाई से रामसहाय वर्मा को टिकट दिया गया है। अजीत मेहता पूर्व विधायक रह चुके हैं। जबकि रामसहाय वर्मा को पिछली बार भी भाजपा ने इसी सीट पर टिकट दिया था, लेकिन उनको हार मिली थी। हालांकि पार्टी ने फिर से उन पर भरोसा जताया है।

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टोंक विधानसभा: पूर्व विधायक पर टिकी भाजपा की उम्मीदें
टोंक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सचिन पायलट को चुनौती देने के लिए भाजपा ने लम्बे मंथन के बाद अजीत सिंह मेहता को मैदान में उतारा है। तीसरी सूची में उनको पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है। हालांकि इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा का कोई बड़ा चेहरा पायलट के खिलाफ उतारा जाएगा, लेकिन पार्टी ने स्थानीय नेता एवं पूर्व विधायक अजीत मेहता पर ही दांव खेलना उचित समझा है। हालांकि दावेदारों की सूची में अन्य पार्टी नेता भी शामिल थे, लेकिन विभिन्न मापदंडों में वे बेहतर पाए गए। वैसे टोंक मुस्लिम बाहुल्य सीट है। पर गुर्जर, माली एवं अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इस बार इनका किसको कितना समर्थन मिलेगा। ये आने वाला वक्त ही बताएगा।

ये है मेहता का करिअर
गौरतलब है कि अजीत सिंह मेहता की शैक्षणिक योग्याता सीनियर सैकण्डरी है। ये 59 वर्ष के हैं। पेश से व्यवसायी हैं। वर्ष 2013 से पहले टोंक शहर मंडल उपाध्यक्ष रहे। फिर संगठन में जिला उपाध्यक्ष बने। संघ पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। पेशे से व्यवसायी होने के कारण गांवों में लोगों से जुड़ाव रहा।

इसके चलते वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में उनको पहली बार पार्टी ने टोंक टिकट दिया। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जकिया को हराया था और विधायक बने थे। उन्हें वर्ष 2018 में फिर भाजपा से प्रत्याशी बनाया गया था। लेकिन सचिन पायलट के टोंक से कांग्रेस की ओर से घोषित किए जाने के बाद मेहता का टिकट काटकर बाद में यूनुस खान को टिकट दे दिया था। हालांकि युनुस खान को हार मिली थी। अब पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में मेहता को मौका दिया है।

टोंक विधानसभा सीट
1951 में रामरतन कांग्रेस
1952 में लालूराम कांग्रेस
1957 में नारायणसिंह कांग्रेस
1957 में लालूराम कांग्रेस
1962 में राधाकिशन स्वतंत्र पार्टी
1967 में दामोदर व्यास कांग्रेस
1970 में एस. प्रसाद कांग्रेस
1772 में अजीत सिंह भारतीय जनसंघ
1977 में अजीत सिंह जनता पार्टी
1980 में महावीरप्रसाद भाजपा
1985 में जकिया कांग्रेस
1990 में महावीरप्रसाद भाजपा
1993 में महावीरप्रसाद भाजपा
1998 में जकिया कांग्रेस
2003 में महावीर प्रसाद भाजपा
2008 में जकिया कांग्रेस
2013 में अजीत सिंह भाजपा
2018 में सचिन पायलट कांग्रेस


निवाई विधानसभा: कांग्रेस-भाजपा के पुराने चेहरों के बीच मुकाबला

भाजपा ने इस सीट टिकट घोषणा में जितनी देरी दिखाई, उससे लग रहा था कि यहां कोई नया चेहरा देखने को मिलेगा, लेकिन पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशी रामसहाय वर्मा को ही इस बार भी टिकट देना उचित समझा। कांग्रेस ने इस सीट पर वर्तमान विधायक प्रशांत बैरवा को फिर से प्रत्याशी बनाया है। दूसरी बार होगा जब रामसहाय वर्मा एवं प्रशांत बैरवा आमने-सामने होंगे। जैसा कि पहले ही कहा जा रहा था कि इस सीट पर पिछले चुनावों का ट्रेंड देखें तो कांग्रेस बैरवा एवं भाजपा रैगर प्रत्याशी पर ही ज्यादातर दांव खेलती आई है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बैरवा एवं रैगर वोटरों की संख्या अधिक है। जबकि गुर्जर वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। देखना ये होगा कि प्रशांत बैरवा अपनी सीट बचा जाएंगे या फिर रामसहाय वर्मा पार्टी की ओर से दूसरी बार जताए भरोसे पर खरे उतरेंगे।

भाजपा प्रत्याशी वर्मा का राजनीतिक सफर
रामसहाय वर्मा ने 1991 से 2018 तक दूरदर्शन में नौकरी की। साथ ही समाज एवं पार्टी के लिए कार्य किया। 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा प्रत्याशी के रूप में निवाई-पीपलू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत बैरवा से 43 हजार 889 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस सीट पर भाजपा के दावेदारों की संख्या बहुत अधिक थी। कई तो नए दावेदार भी थे। लेकिन पार्टी ने फिर से वर्मा को मैदान में उतारा है।

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निवाई विधानसभा सीट
1962 में जयनारायण सालोदिया स्वतन्त्र पार्टी
1967 में जयनारायण सालोदिया स्वतन्त्र पार्टी से
1972 में बनवारीलाल बैरवा कांग्रेस
1977 में जयनारायण सालोदिया जनता पार्टी
1980 में द्वारका प्रसाद बैरवा कांग्रेस
1985 में ग्यारसी लाल परीडवाल भाजपा
1990 में रामनारायण बैरवा भाजपा
1991 में कैलाश मेघवाल भाजपा
1993 में बनवारीलाल बैरवा कांग्रेस
1998 में बनवारीलाल बैरवा कांग्रेस
2003 में हीरालाल रैगर भाजपा
2008 में कमल बैरवा कांग्रेस
2013 में हीरालाल रैगर भाजपा
2018 में प्रशान्त बैरवा कांग्रेस


तीन सीटों की स्थिति हुई साफ, मालपुरा में कांग्रेस प्रत्याशी का इंतजार
टोंक जिले में चार विधानसभा सीट है। इसमें से अब तक भाजपा व कांग्रेस ने टोंक, देवली-उनियारा व निवाई में अपने प्रत्याशी उतारकर स्थिति साफ कर दी है। जबकि मालपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा है। यहां भाजपा अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

बसपा ने भी उतारे प्रत्याशी: टोंक जिले की विधानसभा सीटों पर बसपा भी किस्मत आजमा रही है। बसपा से ने टोंक में भीम सेना के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार बैरवा तथा देवली-उनियारा में ओमप्रकाश को प्रत्याशी बनाया है।