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Rajasthan: राजस्थान में धमाके के साथ गिरी सरकारी स्कूल की छत, 25 छात्राएं बाल-बाल बचीं, मच गया हड़कंप

हादसे के बाद स्कूल में विद्यार्थियों व शिक्षकों की अफरा-तफरी मच गई। छात्राएं और स्कूल स्टाफ डर कर दूर भाग गए। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई।

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टोंक

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Rakesh Mishra

Aug 19, 2025

Tonk school incident

ककोड़ राजकीय बालिका स्कूल की छत गिरी। फोटो-पत्रिका

राजस्थान के टोंक के उनियारा उपखंड क्षेत्र के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ककोड़ के एक कमरे की छत मंगलवार सुबह तेज आवाज के साथ गिर गई। इसके कंकड़ करीब 3 फीट दूरी पर बरामदे में टेस्ट दे रही कक्षा 9 की छात्राओं तक पहुंचे। गनीमत रही कि हादसे में किसी को चोट नहीं आई, लेकिन छत गिरने के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया।

सूचना के बाद उनियारा उपखंड अधिकारी शत्रुघ्न सिंह गुर्जर ने बालिका विद्यालय के बच्चों को इसी कस्बे के अन्य स्कूल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। इधर, ग्रामीणों व शिक्षकों के मुताबिक सोमवार शाम से देर रात तक क्षेत्र में तेज बारिश हुई थी। इससे मौसम में नमी बनी हुई थी। ऐसे में मंगलवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ककोड़ के 4 साल से बंद पड़े कमरे की छत धमाके के साथ गिर गई।

सीबीईओ ने लिया जायजा

हादसे के बाद स्कूल में विद्यार्थियों व शिक्षकों की अफरा-तफरी मच गई। छात्राएं और स्कूल स्टाफ डर कर दूर भाग गए। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। हादसे के दौरान बंद पड़े कमरे से करीब 3 फीट दूरी पर 25 छात्राएं टेस्ट दे रही थी। वे बाल-बाल बच गई। हादसे के बाद टोंक से सीबीईओ सुनीता करनानी मौके पर पहुंची और हालातों का जायजा लिया। करीब डेढ़ घंटे बाद उनियारा एसडीएम शत्रुघ्न गुर्जर, उनियारा सीबीईओ पहुंचे। स्कूल में करीब 125 छात्राओं का नामांकन है।

17 में से 15 कमरे जर्जर

इस स्कूल में 17 कक्षा कक्षों में से करीब 15 कक्षा कक्ष जर्जर अवस्था में हैं। तेज बारिश में अधिकांश कमरों की छत टपकती है। स्कूल प्रधानाचार्य रतन कंवर ने बताया कि स्कूल भवन की पूरी स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत करा रखा है। छत की गिरने से हुए धमाके जैसी आवाज सुनकर परिजन, पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे और छात्राओं को संभाला। किसी को कोई चोट नहीं आई तो राहत की सांस ली।

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शाला प्रबंधन समिति की लापरवाही

ककोड़ पहुंची सीडीईओ सुशीला करणानी ने बताया कि स्कूल भवन बहुत पुराना और खस्ताहाल है। शाला प्रबंधन समिति को चाहिए था कि वह जर्जर कक्ष को प्रस्ताव लिए जाने के बाद ध्वस्त कराए। उन्होंने तीन-चार साल से इस कक्ष पर ताला तो लगा रखा था, लेकिन उसे ध्वस्त कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। एसडीएम ने बताया कि जिला प्रशासन पहले से ही सतर्क है। जिस स्कूल में भी जर्जर कक्ष हैं, उन्हे खाली कर तालाबंदी कराए जाने के अलावा विद्यार्थियों व स्टाफ को नहीं जाने की चेतावनी दी हुई है।