
Samarwata Violence Case: टोंक जिले की नगरफोर्ट पुलिस ने समरावता हिंसा मामले में आरोपी नरेश मीणा के खिलाफ मंगलवार को 88 दिन बाद एसीजेएम कोर्ट उनियारा में चालान पेश कर दिया है। अब बुधवार को नरेश मीणा की जमानत पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले 4 फरवरी को पुलिस की ओर से चालान पेश नहीं किए जाने से सुनवाई नहीं हुई थी। बता दें, चालान पेश होने के बाद नरेश मीणा कि रिहाई के रास्ते खुल गए हैं।
एडवोकेट लाखन सिंह मीणा ने बताया पिछले साल 13 नवंबर 2024 को टोंक जिले में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान रात को समरावता गांव में आगजनी, तोड़फोड़ हुई थी। नगरफोर्ट थाना पुलिस ने इसकाे लेकर नरेश मीणा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर 14 नवंबर को गिरफ्तार किया था।
वहीं, मंगलवार को दिन में नरेश मीणा से जेल में पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढा मिलने पहुंचे, लेकिन पहले से समय नहीं लेने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। गुढ़ा ने कहा कि मैंने जेल प्रशासन और पुलिस से बात करने के बाद ही झुंझुनूं से टोंक आने का फैसला किया था। मगर अब नियमों का हवाला देकर मुझे नरेश मीणा से मिलने नहीं दिया गया। यह पूरी तरह से अन्याय है।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि नरेश मीणा पूर्वी राजस्थान के युवाओं के नेता हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें तीन महीने से जेल में डाल रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की तानाशाही और घमंड अब साफ दिखाई देने लगा है। बाद में गुढा ने कहा कि शासन को तानाशाही नहीं करने देंगे। हम पैदल यात्रा निकाल कर विधानसभा पहुंचेंगे। लाल डायरी के सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि मैंने तो लाल डायरी प्रधानमंत्री और अमित शाह को दे दी। अब कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
Updated on:
11 Feb 2025 07:21 pm
Published on:
11 Feb 2025 07:20 pm
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