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SDM थप्पड़कांड: 8 महीने बाद जेल से छूटे नरेश मीणा, सीधे समरावता के लिए रवाना; समर्थकों में खुशी की लहर

Naresh Meena Bail: टोंक जिले के चर्चित SDM थप्पड़ कांड के मुख्य आरोपी नरेश मीणा 240 दिन जेल में बिताने के बाद सोमवार, 14 जुलाई 2025 को टोंक जेल से रिहा हो गए।

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टोंक

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Nirmal Pareek

Jul 14, 2025

Naresh Meena

समरावता गांव में नरेश मीणा, फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Naresh Meena Bail: टोंक जिले के चर्चित SDM थप्पड़ कांड के मुख्य आरोपी नरेश मीणा 240 दिन जेल में बिताने के बाद सोमवार, 14 जुलाई 2025 को टोंक जेल से रिहा हो गए। राजस्थान हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को उनकी जमानत याचिका मंजूर की थी। रिहाई के बाद नरेश मीणा सीधे समरावता गांव के लिए रवाना हो गए। उनकी रिहाई से समर्थकों में खुशी की लहर है।

क्या है समरावता थप्पड़ कांड?

बता दें, यह घटना 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान टोंक के समरावता गांव में हुई थी। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मतदान केंद्र पर तैनात उपखंड अधिकारी (SDM) अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इस घटना के बाद समरावता और आसपास के क्षेत्रों में हिंसा भड़क उठी, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।

पुलिस ने नरेश मीणा को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान गांव वालों के साथ हिंसक व्यवहार किया, जिसमें कई लोगों को चोटें आईं। नरेश मीणा को थप्पड़ कांड और आगजनी के मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उनकी दो जमानत याचिकाएं पहले हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थीं।

यहां देखें वीडियो-


जमानत मिलने के बाद क्या लिखा?

शुक्रवार को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद नरेश मीणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सत्यमेव जयते! माननीय हाईकोर्ट ने 240 दिन की जेल के बाद मुझे जमानत दी है। मैं उन सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरे और समरावता गांव वालों के लिए न्याय की लड़ाई में साथ दिया। मैं 14 जुलाई को शाम 3 बजे टोंक जेल से रिहा होकर सीधे समरावता गांव जाऊंगा और उस पावन भूमि को नमन करूंगा। इंकलाब जिंदाबाद!

8 महीने की कानूनी जंग

दरअसल, नरेश मीणा पिछले आठ महीनों से हिरासत में थे। उनके वकील फतेहराम मीणा ने इस मामले में कड़ा संघर्ष किया। फतेहराम ने बताया कि इससे पहले नरेश की दो जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थीं। पहली याचिका 14 फरवरी और दूसरी 30 मई को खारिज हुई थी। लेकिन तीसरी याचिका पर जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने राहत देते हुए जमानत मंजूर की।

फतेहराम मीणा ने हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी कर नरेश को आगजनी और उपद्रव के मामले में यह राहत दिलाई, जबकि थप्पड़ कांड में नरेश को पहले ही जमानत मिल चुकी थी।