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महफिल-ए-कव्वाली व कुल की रस्म के साथ सैयद अलीशाह का सालाना उर्स हुआ सम्पन्न

महफिल के आखरी में रंग पढकऱ कुल की रस्म अदा की गई। इसके साथ उर्सका समापन हुआ।  

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Mahefil-e-qawwali

मुस्लिम वैलफेयर सोसायटी की ओर से रविवार देर रात महफिल-ए-कव्वाली का आयेाजन किया गया।

लाम्बाहरिसिंह. कस्बे के हरिसागर कुण्ड स्थित सैयद अलीशाह के 35वें सालाना उर्स का समापन सोमवार को कुल की रस्म के साथ हुआ।

मुस्लिम वैलफेयर सोसायटी की ओर से रविवार देर रात महफिल-ए-कव्वाली का आयेाजन किया गया। सोसायटी सदर गज्जू पेन्टर ने बताया कि जोधपुर से आए कव्वाल फिरोज साबरी एण्ड पार्टी ने हम्दे बारित आला, नाते रसूल, मनकबत पेश की।

कव्वाल फिरोज ने ‘तेरा नाम पाक मोइन है, तू रसूले पाक की आन है’, ‘मैं बुरा हूं मुझको निभा लिया तूने मेरा कितना ख्याल है’ आदि कव्वालियां पेश की।

कौमी एकता पर ‘हाथों में गीता रखेंगे सीने में कुरआन रखेंगे मेल बढ़ाए आपस में ऐसा धर्म ईमान रखेंगे, मंदिर रखेंगे मस्जिद रखेंगे, लेकिन पहले हिस्दूस्तान रखेंगे’, हम बंदे उसी के है बस उसका सहारा है, मस्जिद हमारी मंदिर हमारा है’, समेत अन्य कव्वालियां पेशकर अकीदतमंदों को देर रात तक बांधे रखा।


सोसायटी सदस्यों ने कव्वालों की दस्तारबंदी कर स्वागत किया। इससे पहले हाजी हनीफ मोहम्मद ,हाजी जहूर मोहम्मद व शिक्षाविद् अब्दुल हमीद नियाजी ने प्रतिभावान छात्रा सोफिया नाज, सानिया रंगरेज, साबिना कुरैशी, आलिया बानो को सोने व चांदी के मेडल पहना कर व अन्य आधा दर्जन विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर नवाजा।


सोमवार अलसुबह महफिल के आखरी में रंग पढकऱ कुल की रस्म अदा की गई। इसके साथ उर्स का समापन हुआ। इस दौरान जिले समेत सीमावर्ती अजमेर, जयपुर, कोटा, सवाईमाधोपुर जिले से आए लोग मौजूद थे।


इससे पूर्व रविवार को कस्बे में मुस्लिम वैलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में हरिसागर कुण्ड स्थित सैयद अली शाह का 35वां उर्स मखमली चादर पोशी के साथ शुरू हुआ।

इस मौके पर अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा पड़ा। सोसायटी सदर गज्जू पेन्टर ने बताया कि पथवारी चौक स्थित मलंगशाह की मजार पर चादरपोशी कर बैण्ड की धुनों के साथ जुलूस रवाना हुआ। जुलूस के आगे युवा आतिशबाजी करते चल रहे थे।

वहीं लोगों ने जलपान करवा स्वागत किया। जुलूस सदर बाजार से किले वाले बाबा के होते हुए सैयद अली शाह की दरगाह पहुंचे। जहां चादर पोशी कर सलातो सलाम पढ़ फ ातिहा ख्वानी के साथ अमन चैन खुशहाली की दुआ मांगी गई।

इस दौरान कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों व सीमावर्ती अजमेर जिले के डेढ़ दर्जन गांवों समेत जयपुर, नागौर, कोटा, सवाईमाधोपुर जिलों से आए सैंकड़ों जायरिनों ने बाबा की मजार पर पहुंच अकीदत के फूल व चादर चढ़ाकर मत्था टेक मन्नतें मांगी। शाम को जामा मस्जिद में लंगर का आयोजन हुआ।