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44 डिग्री तापमान में भी डंक मार रहा मच्छर, निजी समेत सरकारी अस्पतालों में मरीजों का बढ़ा आंकड़ा

दिन-रात में उमस के चलते लोगों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में बेपरवाह हुए लोग खांसी, जुकाम आदि की चपेट में आ रहे हैं।

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Malaria and dengue

टोंक. जिले में 44 डिग्री तापमान के बावजूद लोगों को मच्छरों से राहत नहीं मिल रही। तापमान बढऩे के बावजूद भारी-भरकम मच्छर लोगों को डरा रहे हैं।

टोंक. जिले में 44 डिग्री तापमान के बावजूद लोगों को मच्छरों से राहत नहीं मिल रही। तापमान बढऩे के बावजूद भारी-भरकम मच्छर लोगों को डरा रहे हैं। इस बीच बदलता मौसम लोगों पर भारी पड़ रहा है। इससे लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। हालात यह है कि निजी समेत सरकारी अस्पतालों में सप्ताहभर से मरीजों का आंकड़ा बढ़ गया है।


इस पखवाड़े में ही 26 हजार से 366 मरीज सआदत अस्पताल की शरण ले चुके है। दिन-रात में उमस के चलते लोगों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में बेपरवाह हुए लोग खांसी, जुकाम आदि की चपेट में आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गर्मी बढऩे के साथ मच्छरों की संख्या घटने लगती थी। जबकि वर्तमान में जिले का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहने के बावजूद मच्छरों से शहर समेत ग्रामीण परेशान है।

बीमारियां न्योत रहा भरा पानी

शहर समेत जिलेभर के कई खाली प्लाटों में घरों से निकलने वाला पानी जमा है। जगह-जगह जमा बदबूदार पानी पानी मलेरिया व डेंगू को न्योता दे रहा है। शहर के कम्पू(शिवाजीनगर), विकास विहार कॉलोनी, आदर्शनगर, कृष्णा कॉलोनी, विवेकानन्द सर्किल, जेल रोड के पास स्थित कॉलोनी, छावनी क्षेत्र के मराठा कॉलोनी के कई स्थानों पर खाली प्लाटों में बारिश व नालियों का पानी भरा है।

इनमें पनप रहे मच्छर इस बार फिर से मलेरिया व डेंगू के पांव पसारने का कारण बनेंगे। चिकित्सा विभाग की ओर से जमा पानी में फोगिंग नहीं कराए जाने से हालात बिगडऩे की आशंका है। जागरूक लोगों का कहना है कि हर वर्ष रोग फैलने के बाद ही विभाग हरकत में आता है। पहले से बेहतर उपाय शुरू कर दिए जाए बड़े स्तर पर बीमारियों के फैलने पर अंकुश लगाया जा सकता है।

वास्तविकता इससे दूर
विभाग की ओर से गत दिनों शहर के कुछ स्थानों डेंगू-मलेरिया के लिए महज एमएलओ, बीटीआई का छिडक़ाव कराया गया था। शहर समेत अन्य स्थानों भरे गंदे व बदबूदार पानी की निकासी के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ। मेहंदवास निवासी रामलखन शर्मा ने बताया कि बस स्टैण्ड स्थित गंदे नालों की वर्षों से सफाई नहीं हुई।

ना ही विभाग की ओर से कभी इनमें लार्वा निरोधक दवा का ही छिडक़ाव कराया गया। इसी प्रकार डिपो क्षेत्र में ताज कॉलोनी, महादेवाली, धन्नातलाई, विकास विहार कॉलानी में भी जगह-जगह जमा गंदे पानी से लोग बीमारियों को लेकर आशंकित है। महेश भारद्वाज, रामगोपाल चौधरी आदि का कहना है कि विभाग के दावे धरातल से कोसो दूर है।

मरीजों का आंकड़ा (सआदत अस्पताल)

तिथि इन्डोर आउटडोर
7 मई 165 1548
8 मई 153 1665
9 मई 140 1563
10 मई 103 1473