
संकट में किसान: टोल फ्री नंबर बंद होने से फसलों के साथ डूब गई बीमा राशि की उम्मीदें
नटवाड़ा. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों की फसलों का बीमा कर दिया गया, लेकिन अब उसका फायदा लेना चुनौती बन गया है। 72 घंटे में इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फसल खराबे की सूचना देनी होती है। पिछले कई दिनों से टोल फ्री नंबर पर संपर्क नहीं हो पा रहा है । ऐसे में शिकायत दर्ज नहीं होने से किसान परेशान हो रहे हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना कि जिले में 5-10 प्रतिशत नुकसान है।
बारिश से फसल का नुकसान होने के बाद भी किसानों को फसल का मुआवजा नहीं मिल पाएगा। किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनियां क्लेम से बचने के लिए नुकसान के दौरान अपने नंबर बंद कर लेती हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित फसल का 80 प्रतिशत तक जोखिम कवर किया जाता है। क्षेत्र में ओलावृष्टि एवं दो दिनों तक हुई बारिश से खेतों में पानी भरने से कटी हुई फसलें खराब हो गई है।
बारिश से जहां किसानों की पकी हुई फसल खराब हो गई वहीं इंश्योरेंस से मुआवजा मिलने की आस भी नहीं है। क्योंकि किसान कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। टोंक जिले में सरसों, गेहूं, जौ, चना, तारामीरा सहित कुल 4 लाख 28 हजार 6 सौ हेक्टेयर में रबी की फसल है।
जलभराव से खराब हो रही फसल: किसान रामसहाय एवं देवकरण ने बताया कि उसके आसपास के कई खेतों में बारिश के बाद जलभराव से फसलो पानी में भरने से फसले खराब हो रही है। फसल खराबे की शिकायत के लिए इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर 2 दिन तीन से शिकायत करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन संपर्क ही नहीं हो पा रहा है। बारिश से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। दूसरी ओर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कोई जवाब नहीं मिल रहा।
शिकायत नहीं कर पाया
किसान रामलाल, भंवर लाल, देवकिशन, राधेश्याम आदि ने बताया बारिश से गेहूं की फसल वजन की वजह से टूट कर झुक गई । किसान बद्री लाल व राजाराम ने भी बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया। नंबर बंद होने से कंपनी के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज नहीं हो पाई।
500 शिकायतें हो चुकी दर्ज
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कमल कुमार मंगल ने बताया कि शिकायतकर्ताओं का ज्यादा लोड होने के कारण कॉल नहीं लग पाता है। बीमा कंपनियों को किसानों की शिकायतें दर्ज करनी पड़ेगी। अभी तक जिले में 500 शिकायतें दर्ज हो चुकी है। जिले में 2 जिला समन्वयक एवं 9 तहसील समन्वयक सर्वे का कार्य कर रहे हैं। किसान इनसे संपर्क कर शिकायत दर्ज करवा सकता है। बीमा कंपनी के व्हाट््स एप नंबर भी किसानों को उपलब्ध करवा दिए गए हैं।
एप के बारे में किसानों को जानकारी नहीं
जिले में एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी की ओर से फसल बीमा किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित फसल का 80 प्रतिशत तक जोखिम कवर किया जाता है। एक साल पहले सरकार की ओर से ऑनलाइन शिकायत के लिए जारी एप के बारे में अधिकतर किसानों को जानकारी नहीं है। स्मार्ट फोन नहीं होने की बात भी सामने आई।
कैसे करे शिकायत: किसान फसल बोने से लेकर काटने के बाद 14 दिन तक खेत में सूखने के लिए रखे फसल में नुकसान होने पर भी मुआवजे का पात्र होता है। किसान सूखा, बाढ़, जल प्लावन, भूस्खलन, प्राकृतिक आग, आकाशीय बिजली गिरना,आंधी, तूफान व ओलावृष्टि से नुकसान के 72 घंटे में बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 18002660700 पर कॉल कर सकते हैं।
टोंक जिले में रबी की फसलों की स्थिति
सरसों: 3 लाख 2 सौ 25 हे
गेहूं: 50 हजार 6 सौ 30 हेक्टेयर
जौ: 7 हजार 8 सौ 10 हेक्टेयर
चना: 58 हजार 5 सौ 95 हेक्टेयर
विशेषज्ञ ने दी ये राय कुछ दिन नहीं काटें फसल
अभी सरसों की फसल कट चुकी है। गेहूं और चने की फसल है। बरसात और आलोवृष्टि भी जारी है। ऐसे में दोनों फसलों में नुकसान है। जिले में सवा तीन लाख किसान खेती से जुड़े हैं। इनमें से दो हजार ने फसल खराबे की शिकायत की है। अभी फिर मौसम विभाग ने 27 मार्च तक बरसात का अलर्ट किया है। ऐसे में किसान सावचेत रहे। कृषि विभाग की टीम भी प्रभावित गांवों का दौर कर रही है।
रिपोर्ट में गेहूं की फसल में क्वालीटी खराब हो गई है। किसानों को चाहिए कि वे बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002660700 और वाट््सएप नम्बर 7304524888 पर तुरंत शिकायत दर्ज कराए। किसानों के लिए सलाह है कि यह प्रकृति का प्रकोप है। ऐसे में बरसात हो गई हो तो खेत में खड़ी फसल को कुछ दिन नहीं काटे। जो फसल कटकर खलिहान में है। उसे तिरपाल लगाकर ढक दे या घर ले जाने की पहले व्यवस्था करें। कृषि विभाग और बीमा कम्पनी की टीम सर्वे कर रही है। किसी किसान को टोल फ्री नम्बर पर शिकायत मिल रही है तो मुझे मेरे निजी नम्बर नम्बर 9414017363 पर शिकायत करें।
के. के. मंगल
संयुक्त निदेशक कृषि विभाग, टोंक
Published on:
25 Mar 2023 07:51 pm
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