टोंक. स्वच्छता के नाम पर नगर परिषद की ओर से कचरा-संग्रहण के नाम पर वसूली जा रही राशि के विरोध में सोमवार को बाजार बंद रहे।
हालांकि ये दो घंटे के लिए ही बंद रहा, लेकिन व्यापारियों ने चेतावनी दी हैकि इसे बंद नहीं किया गया तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
शहर के बाजार श्रीव्यापार महासंघ के आह्वान पर बंद रहे। ऐसे में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक बाजार बंद रहे। इसके बाद ही दुकाने खुली। महामंघ के कार्यकारी अध्यक्ष गोविन्द गर्ग, मुकेश जैन, विष्णु गुप्ता, मुकेश गोयल,
विमलकुमार, मोहनलाल, मनीष तोषनीवाल, प्रमोद जैन, उमेश जैन, रमेशचंद, उमर, श्याम गिदवानी, माधवदास बालानी, बालकिशन गर्ग आदि ने बताया कि नगर परिषद की ओर से ठोस कचरा संग्रहण के नाम पर राशि वसूली जा रही है।
जबकि इसके लिए नगर परिषद ने पहले नहीं कहा था। जब कचरा पात्र का वितरण किया था तब सफाईके लिए जागरूक किया था, लेकिन ये नहीं कहा था कि राशि लेंगे। इससे व्यापारियों में नाराजगी है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद उनसे कचरा संग्रहण के नाम पर 200 रुपए वसूल रही है।
ये तो धोखा हुआ
नगर परिषद ने चार साल पहले हर प्रतिष्ठान पर कचरा-पात्र रखने की अनिवार्यता की थी। व्यापारियों ने नगर परिषद का सहयोग किया और कचरा-पात्र रखना शुरू किया।
तब नगर परिष ने डोर-टू-डोर कचरा-संग्रहण के लिए वाहन भी चलाए। तब भी व्यापारियों ने कचरा सडक़ पर नहीं फैलने दिया और वाहन में ही डाले, लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों ने एक बार भी ये नहीं कहा था कि इसके लिए राशि वसूल की जाएगी।
नगर परिषद के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि पहले बता देते तो उसी समय विरोध किया जाता, लेकिन तब कचरा-पात्र बांट कर वाह-वाही लूट ली, लेकिन अब धोखा किया जा रहा है। ऐसे में इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।