
रामायण के निर्माताओं को था डर- सीरियल नहीं चला तो क्या होगा, इसलिए राम, सीता, लक्ष्मण से करवाया ये काम
मुंबई। टीवी के सबसे चर्चित सीरियल 'रामायण' ( Ramayan Serial ) को लोग पसंद करेंगे या नहीं, इसे लेकर शो के निर्माताओं को संशय था। इसी संशय को दूर करने के लिए निर्माताओं ने दर्शकों का मिजाज जानने के लिए एक नया सीरियल बनाया। इसका नाम था 'विक्रम बेताल' ( Vikram Betal)। इसमें अधिकतर किरदार उन्हीं कलाकारों ने निभाया जो 'रामायण' में मुख्य किरदारों में नजर आए। ये कहना है 'रामायण' सीरियल के तकनीकी सलाहकार प्रेम सागर का। फेसबुक पर लाइव वीडियो चैट के दौरान प्रेम सागर ने ये जानकारी दी। लाइव में उनके साथ सीता का रोल निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ( Deepika Chikhalia ) और लक्ष्मण का रोल अदा करने वाले सुनील लहरी ( Sunil Lahri ) भी मौजूद रहे। प्रेम ने फैंस को बताया कि जब पहली बार 'रामायण की प्लानिंग हुई, तो बड़ा सवाल ये था कि लोग इसे पसंद करेंगे या नहीं। इसके टेस्ट के लिए 'विक्रम बेताल' सीरियल बनाया गया। 1985 में आया ये सीरियल लोगों को बेेहद पसंद आया। इसके बाद 1987 में 'रामायण' प्रसारित हुई।
अरूण 'राम' से पहले बने 'विक्रम'
गौरतलब है कि 'रामायण' में राम का किरदार निभाने वाले एक्टर अरूण गोविल ने 'विक्रम बेताल' में राजा विक्रमादित्य का किरदार निभाया था। वहीं, सीता बनने वाली एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया ने 'विक्रम बेताल' में कई किरदार निभाए। इसी तरह लक्ष्मण बनने वाले सुनील लहरी, हनुमान बनने वाले दारा सिंह इत्यादि ने भी इस सीरियल में रोल अदा किए।
बकरी को बनाया हिरण
दीपिका ने 'विक्रम बेताल' का एक मजेदार किस्सा फैंस को बताया। उनके अनुसार, इस शो में हिरण दिखाया जाना था। इसके लिए एक बकरी को रंग चढ़ाकर हिरण जैसा बनाया गया। इस पर प्रेम सागर ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा,'असल में हिरण के लिए रोजाना के ढाई लाख रुपए किराया मांगा जा रहा था। हमारे पास केवल 200 रुपए थे। एक बकरी थी जो हिरण जैसी दिखती थी। हमने इस पर रंग पेंट कर हिरण जैसा प्रस्तुत किया।
खुद तैयार किया सॉन्ग
'विक्रम बेताल' में जब म्यूजिक और सॉन्ग्स की बात आई तो निर्माताओं ने कहा कि उसकी जरूरत नहीं, हम खुद ही कर लेंगे। प्रेम सागर के अनुसार, एक हॉरमोनियम और मामूली वाद्ययंत्रों से टाइटल सॉन्ग तैयार कर लिया गया। गीत के नाम पर केवल दो ही शब्द थे 'विक्रम' और 'बेताल'। उस जमाने में स्टूडियो नहीं हुआ करते थे, इसलिए खुले में ही संगीत रिकॉड हो रहा था। रिकॉर्डिंग के दौरान एक हवाईजहाज गुजरा, उसकी आवाज भी रिकॉर्ड हो गई। इस पर निर्माताओं में से एक ने कहा,' कोई बात नहीं, हवाईजहाज की आवाज के दौरान राक्षस का सीन दिखा देंगे।'
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शूटिंग देखने वालों की खातिरदारी
प्रेम सागर ने बताया कि 'रामायण' को लेकर लोग इतने क्रेजी थे कि शनिवार और रविवार को शूटिंग देखने के लिए दूर-दूर से बसों में आते थे। प्रोड्क्शन को शूटिंग मैनेज करने के अलावा उनकी खातिरदारी का भी ध्यान रखना पड़ता था। उनके खाने—पीने की व्यवस्था की जाती थी। दर्शक इतने भाव से आते थे कि शूटिंग में व्यवधान पैदा नहीं करते थे। चुपचाप लाइन लगाकर शूटिंग देखते थे।
Published on:
06 Mar 2020 06:23 pm
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