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VIDEO: उदयपुर मेें शुरू हुआ सचेतक सम्मेलन, उद्घाटन सत्र में शामिल हुए ये मंत्री, दो दिन चलेगा कार्यक्रम

उदयपुर. लेकसिटी में सोमवार को दो दिवसीय 18 वां अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन का आगाज हुआ।

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18th sachetak sammelan at udaipur 2018

उदयपुर . लेकसिटी में सोमवार को दो दिवसीय 18 वां अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन का आगाज हुआ। होटल रेडिसन ब्लू में शुरू हुए इस सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने की। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विजय गोयल, राज्य के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, राज्य के संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़, मुख्य सचेतक राकेश सिंह व नारायण पचारिया, राजस्थान के मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर शामिल हुए। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव राजीव यादव ने स्वागत करते हुए सम्मेलन को लेकर जानकारी दी।

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संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि सम्मेलन में सेप्रेशन ऑफ पावर को और प्रभावी बनाने और विधायिका के संवैधानिक दायित्वों व कार्यों को बेहतर बनाने की दिशा में नए आयाम स्थापित होंगे तो सार्थक चर्चा होगी। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने सचेतकों की भूमिका और इससे संबंधित परंपराओं को उत्कृष्ट बनाने, पुरानी प्रथाओं में सुधार व सरलीकरण, प्रोफेशनल परफॉर्मेंस बढ़ाने पर जोर दिया और कहा पार्लियामेंट को और अधिक जीवंत, प्रभावी और उप्लब्धिपरक बनाने के लिए सम्मेलन में चिंतन-मनन होगा तथा ठोस निष्कर्ष सामने आएंगे।

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने विधानसभाओं और विधानमंडलों के सत्रों और बैठकों की संख्या को बढ़ाने, शोर शराबे पर नियंत्रण के लिए ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करने की जरूरत बताई और कहा कि राजस्थान विधानसभा देश की चुनिन्दा विधानसभाओं में है जहां ऑनलाइन प्रश्न व उत्तर तथा कार्यवाही की व्यवस्था है। सम्मेलन मेें व्यवस्थापिका को पेपरलेस बनाने पर भी चर्चा की जाएगी।

इन मुद्दों पर होगा मंथन
सम्मेलन में तीन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें गोवा और विशाखापट्टनम में आयोजित पिछले दो सचेतक सम्मेलनों की सिफारिशों पर अनुवर्ती कार्रवाई रिपोर्ट, विधायिका का कुशल कार्य संचालन, व्यवस्थापिका का डिजिटलाइजेशन करने और उनके कार्य संचालन को पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधान शामिल है। सम्मेलन में अनुभवी विशेषज्ञों के अनुभवों के आदान-प्रदान से भारत में संसदीय तंत्र की मजबूती में सचेतकों की भूमिका एवं योगदान पर भी चर्चा होगी।