शहर में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार और गांवों में किसी भी तीन दिन दूध पिलाया जाएगा। वह एमडीएम के मैन्यू में लिखना होगा। सुबह स्कूलों में आठ बजे से पहले दूध पहुंचाना होगा, क्योंकि इसे गर्म करने में समय लगेगा। वर्तमान में स्कूली समय 8 से 2.01 बजे तक हैं। प्रार्थना का समय 8.05 से 8.35 तक है।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक द्वितीय) गिरिजा वैष्णव ने बताया कि स्कूलों को ढाई हजार रुपए में पतीला, 20 लीटर की कैटली, जग, सभी बच्चों के 20 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से गिलास की राशि दी गई है। गिलास का पुराना नामांकन से 20 गुणा कर यह राशि दी गई है। यदि कम ज्यादा होता है, तो विद्यालय मद से दे सकेंगे। बाद में यह राशि पोषाहार मद से मिल जाएगी।
जिले में इसकी औपचारिक शुरुआत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में सुबह नौ बजे की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया करेंगे। अन्य जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
सरकार ने राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद के माध्यम से प्रत्येक स्कूल से शाला दर्पण पर आठ बिन्दुओं की सूचना मांगी है, ताकि पता चल सके कि अन्नपूर्णा दूध योजना की क्या-क्या तैयारी की गई है।
– क्या एसडीएमसी की बैठक हो गई?
– क्या बर्तन क्रय करने के लिए राशि खाते में आ गई?
– क्या योजना के क्रियान्वयन के लिए बर्तन खरीदे गए ?
– क्या दूध सहकारी समिति, अन्य स्त्रोत से दुग्ध उपलब्धता तय करने के लिए एजेंसी से अनुबंध कर लिया गया ?
– क्या योजना की शुरुआत के लिए तैयारी पूरी कर ली गई ?
– क्या योजना का होर्डिंग, बैनर, पम्पलेट्स से प्रचार किया गया ?
– क्या दो जुलाई को होने वाली पीटीएम की तैयारी की गई ?
– क्या दूध गुणवत्ता जांचने लैक्टोमीटर खरीद लिया गया ?
शाला दर्पण पर आठ बिन्दुओं की सूचना दी जानी है, इसे अधिकतर स्कूलों से अपडेट कर दिया गया है। जो कार्य पूर्ण किया है, उसका उल्लेख करना है। 3129 स्कूल प्रारंभिक शिक्षा के है इनमें से2706 में इन्द्राज कर लिया है।
आरके गर्ग, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक प्रथम