दोनों ही दलों के बड़े नेता पिछले पांच महीने से इस धरती पर सक्रिय हुए है। कांग्रेस हो या भाजपा सभी के नेता उदयपुर और खासकर आदिवासी बाहुल्य सीटों वाले क्षेत्रों में दौरा कर रहे है। अभी अमित शाह का कार्यक्रम बनने के साथ ही राहुल गांधी का कार्यक्रम कांग्रेस ने तत्काल तय कर दिया, कांग्रेस की माने तो राहुल का कार्यक्रम पहले से ही प्रस्तावित था उसकी तारीख अब तय हुई है। अमित शाह व वसुंधरा ने चारभुजा से अपने चुनावी अभियान का आगाज किया तो कांग्रेस भी पीछे कहा रही, पार्टी ने संकल्प यात्रा को मेवाड़ में सांवरियाजी में कर भीड़ जुटाई। मेवाड़-वागड़ में भाजपा से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया तो कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट कुछ-कुछ दिनों में दौरा करते रहते हैंं।
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मोदी, शाह व राहुल पहले भी आ चुके
– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी : मोदी 29 अगस्त को उदयपुर आए। यहां खेल गांव में करीब 15 हजार एक सौ करोड़ रुपए लागत के प्रदेश के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने कोटा के हैंगिग ब्रिज पर कांग्रेस को घेरा था। पीएम की सभा चुनावी सभा के रूप में ही देखी गई थी।
– राहुल गांधी : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 19 जुलाई 2017 को बांसवाड़ा के कॉलेज मैदान में किसान आक्रोश रैली को संबोधित करने आए थे। रैली के जरिए राहुल ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला और कहा था कि किसानों के दु:ख पर हमे बोलने तक नहीं दिया जाता है। इसके अलावा 8 जून 2017 को भी राहुल डबोक एयरपोर्ट पर आए, वहां से वे बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश गए।
– अमित शाह : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 4 अगस्त 2018 को राजसमंद आए। उन्होंने चारभुजा दर्शन करने के बाद राजसमंद से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा को रवाना किया। शाह ने राजसमंद से ही राहुल गांधी को घेरते हुए कई सवाल छोड़े, उन्होंने भाजपा से चार साल के हिसाब मांगने पर कहा कि राहुल गांधी पहले चार पीढिय़ों का हिसाब दे।
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शाह-गांधी की यात्रा आगे-पीछे
अमित शाह 18 सितंबर को उदयपुर आएंगे, वे यहां तीन कार्यक्रमों में भाग लेंगे उसमें से बड़ा कार्यक्रम जनजाति सम्मेलन होगा जिसमें संभाग के जनजाति वर्ग से शाह सीधे संबोधित करेंगे। शाह की यात्रा के तीसरे दिन 21 सितंबर को राहुल गांधी डूंगरपुर जिले में आ रहे है, वे वहां कांग्रेस की संकल्प रैली को संबोधित करेंगे, बता दें कि उस कार्यक्रम में उदयपुर संभाग की भीड़ जुटाई जाएगी लेकिन फोकस होगा बांसवाड़ा-डूंगरपुर की सभी आरक्षित सीटें।
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मेवाड़-वागड़ यात्रा के मायने
– उदयपुर संभाग के उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़ व प्रतापगढ़ जिले की 28 सीटों पर दोनों दलों की नजर है।
– दोनों दल इस परम्परा पर को अब भी मानते है कि मेवाड़-वागड़ की इन सीटों में से जो सबसे ज्यादा सीटें जीतता है उसकी प्रदेश में सरकार बनती है।
– कांग्रेस हो या भाजपा आदिवासियों को अपने नजदीक लाने के लिए जनजाति क्षेत्र में बड़े नेताओं को लेकर आते है, क्योंकि इस क्षेत्र में सर्वाधिक सीटें आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में है।
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आसपुर हो सकता सभा स्थल
राहुल गांधी की 20 सितंबर को डूंगरपुर जिले में प्रस्तावित सभा को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है। कांग्रेस की ओर से सभास्थल तय करने के लिए जगह देखी जा रही है। संभावना है कि सभा आसपुर विधानसभा क्षेत्र में हो सकती है।
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शाह-गांधी की यात्रा आगे-पीछे
अमित शाह 18 सितंबर को उदयपुर आएंगे, वे यहां तीन कार्यक्रमों में भाग लेंगे उसमें से बड़ा कार्यक्रम जनजाति सम्मेलन होगा जिसमें संभाग के जनजाति वर्ग से शाह सीधे संबोधित करेंगे। शाह की यात्रा के तीसरे दिन 21 सितंबर को राहुल गांधी डूंगरपुर जिले में आ रहे है, वे वहां कांग्रेस की संकल्प रैली को संबोधित करेंगे, बता दें कि उस कार्यक्रम में उदयपुर संभाग की भीड़ जुटाई जाएगी लेकिन फोकस होगा बांसवाड़ा-डूंगरपुर की सभी आरक्षित सीटें।
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मेवाड़-वागड़ यात्रा के मायने
– उदयपुर संभाग के उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़ व प्रतापगढ़ जिले की 28 सीटों पर दोनों दलों की नजर है।
– दोनों दल इस परम्परा पर को अब भी मानते है कि मेवाड़-वागड़ की इन सीटों में से जो सबसे ज्यादा सीटें जीतता है उसकी प्रदेश में सरकार बनती है।
– कांग्रेस हो या भाजपा आदिवासियों को अपने नजदीक लाने के लिए जनजाति क्षेत्र में बड़े नेताओं को लेकर आते है, क्योंकि इस क्षेत्र में सर्वाधिक सीटें आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में है।
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आसपुर हो सकता सभा स्थल
राहुल गांधी की 20 सितंबर को डूंगरपुर जिले में प्रस्तावित सभा को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है। कांग्रेस की ओर से सभास्थल तय करने के लिए जगह देखी जा रही है। संभावना है कि सभा आसपुर विधानसभा क्षेत्र में हो सकती है।