बता दें कि हेल्पलाइन की सुविधा के तहत दुपहिया वाहन में फ्यूल खत्म होने, घर लौट रही महिला के वाहन का बीच रास्ते में खराब होने सहित असुरक्षित महसूस कर रही महिलाओं को 10 किलोमीटर के दायरे में तत्काल सहायता देकर उन्हें जिम्मेदारी से घर तक सुरक्षित पहुंचाया जाएगा। सुथार की मानें तो इसके लिए एक वाट्सगु्रप भी बनाया जाएगा। इसमें युवाओं को जोड़ा जाएगा। साथ ही अग्रिम कार्ययोजना के तहत माताओं-बहनों को घर तक छोडऩे जाने वाले युवा का नाम भी गु्रप में साझा किया जाएगा। इसके अलावा ग्रुप के माध्यम से महिलाओं संबंधित जानकारी भी ग्रुप में साझा हो सकेगी। स्थानीय युवाओं ने इस पहल को लेकर सामाजिक संगठनों के अलावा पुलिस प्रशासन से सहयोग की अपील की है।
सुथार की मानें तो अब तक खेराड़, बस्सी, नोली,बड़ावली सहित समीपवर्ती गांवों के दिलीप दर्जी, संजय नाथ, हितेश सुथार, रवि पंचाल, नरेंद्र, छत्रपालसिंह सहित 25 सदस्यीय टीम इस कार्य में सक्रिय है। शाम सात बजे बाद ये युवा जिम्मेदारी से उनकी जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगे। फिलहाल 8 से 10 किलोमीटर क्षेत्र में सेवाएं शुरू की जाएगी। अन्य गांवों में भी जिम्मेदार युवाओं से संपर्क कर कार्य को अंजाम दिया जाएगा। anuthi pahal लोगों में जागरूकता लाने के प्रयास करेंगे।