
Rajasthan CM BhajanLal Sharma
Bhajanlal Government Strictness Action : न केवल उदयपुर जिला बल्कि प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतों की भरमार रहती है। गांवों में पंचायतों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर भजनलाल सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। सरकार ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर पंचायतों की भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो सरपंच-वीडीओ नपेंगे। सरकार की तरफ अब कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस संबंध में सरकार ने दो दिन पूर्व ही आदेश जारी कर सरपंचों को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि सरपंच पंचायतीराज कानून से मिली शक्तियों का इस्तेमाल करें। यदि सरपंच ऐसा नहीं कर पाते हैं तो फिर सरकार के स्तर पर सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गौरतलब है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। जिसमें कहा कि पंचायतों के स्वामित्व की आबादी व खातेदारी भूमि पर कुछ लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। इन पर ग्राम पंचायत की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। लेकिन यदि अब सरपंच अतिक्रमण हटाने के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आदेश के अनुसार पंचायत की सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी के लिए जनवरी और जुलाई में आबादी, तालाब और चरागाह भूमि पर अतिक्रमण का सर्वे करना होगा। इसके लिए तीन पंचों की समिति बनाई जाएगी। ग्राम पंचायत आबादी क्षेत्र में किए गए ऐसे अतिक्रमण का ब्योरा ग्राम विकास अधिकारी के रजिस्टर में दर्ज कराना होगा।
यह भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को लगाई फटकार, लगाया 10 लाख का जुर्माना, जानें क्या है मामला
अतिक्रमण की जानकारी पुख्ता हो जाती है तो सरपंच को आबादी क्षेत्र से अतिक्रमियों को बेदखल करने का नोटिस जारी करना होगा। अतिक्रमण की जानकारी पंचायत या सदस्य या सचिव के ध्यान में लानी होगी। यही नहीं सरपंच को तुरंत अतिक्रमण रोकना होगा। अन्यथा अतिक्रमी के खर्चे व हर्जाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
यदि ग्राम पंचायत की राय हो कि अतिक्रमण का विनियमन करने से नियम-146 में उल्लेखित शर्तों का अतिक्रमण नहीं होगा तो बाजार कीमत पर भूमि आवंटित कर सकेंगे। चरागाह या तालाब तल पर अतिक्रमण के मामलों की लिखित रिपोर्ट तहसीलदार को देनी होगी। ग्राम पंचायत अतिक्रमण हटाने के दौरान क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट से पुलिस की इमदाद ले सकती है। पंचायत को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि तहसीलदार ने चरागाह अतिक्रमी पर रोपित शास्तियों की राशि पंचायत निधि में जमा करवाई है या नहीं। अवहेलना पर संबंधित सरपंच या ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें - राजस्थान को मिला बड़ा तोहफा, पर्वतमाला योजना के तहत 12 जिलों में बनेंगे 16 रोप-वे
Updated on:
18 Feb 2024 02:12 pm
Published on:
18 Feb 2024 02:11 pm
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
