
उदयपुर . जिले के सबसे बड़े कस्बे भीण्डर के लोगों का संघर्ष रंग लाया और भींडर को आखिर तहसील की सौगात मिल ही गई। बजट सत्र 2017 में 30 मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा भीण्डर को तहसील की घोषणा होने के बाद सभी को अधिसूचना का ही इंतजार था। जिसकी सरकार ने जारी करते हुए राजस्व विभाग को अधिकारी व कर्मचारियों को नियुक्ति करने के आदेश दे दिए है। इसके साथ ही उदयपुर जिले में एक तहसील बढ़ते हुए 14 हो गई है।
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अधिसूचना की जानकारी मिलने पर सोश्यल मीडिया व फोन पर बधाईयों का तांता शुरु हो गया। लोगों ने विधायक रणधीर सिंह भीण्डर व संघर्ष समिति का आभार जताया और बधाइयां दी। सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि वल्लभनगर तहसील क्षेत्र का पुनगर्ठन करते हुए उपतहसील भीण्डर को क्रमोन्नत करते हुए नवीन तहसील गठित की जाती है। नवीन भीण्डर तहसील में कानोड़ उपतहसील को वल्लभनगर से हटाकर भीण्डर में रखा जाएगा। भू अभिलेख वृत खेरोदा, बाठरड़ा कला एवं मेनार को पुनगर्ठन करते हुए बाठरड़ा कला व मेनार को वल्लभनगर तहसील में व खेरोदा को नवसृजित भीण्डर तहसील में शामिल किया गया है।
भीण्डर तहसील क्षेत्र में एक कानोड़ उपतहसील होगी उसके अलावा 8 भू अभिलेख वृत होंगे जिसके 31 पटवार मण्डल भीण्डर तहसील क्षेत्र के अर्न्तगत आएंंगे। भीण्डर तहसील खुलने से सबसे ’यादा खुशी हींता, सांरगपुरा(भीण्डर), मोतिदा, सालेड़ा, आकोला, पाणुन्द पंचायत क्षेत्र के लोगों को हो रही है। इन क्षेत्रों को उपतहसील के लिए कानोड़ जाना पड़ता था तो तहसील के लिए वल्लभनगर जाना पड़ता था। जबकि इन क्षेत्रों के लिए भीण्डर सबसे सुगम क्षेत्र है। यहां प्रतिदिन आना जाना रहता है।
Updated on:
01 Nov 2017 02:05 pm
Published on:
01 Nov 2017 01:59 pm
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