
उदयपुर . भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आबकारी आयुक्तालय में उदयपुर संभाग का काम देख रहे वरिष्ठ लिपिक (यूडीसी) को बुधवार शाम एक हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। उसने यह राशि अपने ही विभाग के कांस्टेबल से फाइल पर चालान की नोटशीट करने के एवज में ली थी। पहले भी सरकारी काम के एवज में राशि लेने की जानकारी सामने आई है।
ब्यूरो के एएसपी राजेश भारद्वाज ने बताया कि आबकारी निरोधक दल के कांस्टेबल बहादुर सिंह मीणा ने आबकारी आयुक्तालय पर तैनात वरिष्ठ लिपिक कविता (बडग़ांव) निवासी अर्जुनलाल पुत्र किशनलाल पालीवाल के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। सत्यापन और पुष्टि पर सीआई हरीशचंद्रसिंह के नेतृत्व में टीम ने आरोपी को कार्यालय में ही धरदबोचा। कांस्टेबल बहादुर सिंह ने शिकायत में बताया कि वह सुबह प्रतापगढ़ से दो मामलों की फाइल चालान के लिए आबकारी आयुक्तालय लेकर आया था। वहां उदयपुर संभाग का कार्य देख रहे वरिष्ठ लिपिक अर्जुन पालीवाल ने प्रत्येक फाइल के 500 रुपए के हिसाब से एक हजार रुपए मांगे। कांस्टेबल का कहना है कि पालीवाल पहले भी कई बार राजकार्य के लिए संभाग के जिलों से आने वाले आबकारी कर्मचारियों से रिश्वत ले चुका है।
आरोप : पैसे लिए बिना कोई काम नहीं करता यहां
कांस्टेबल ने एएसपी भारद्वाज को रोते हुए बताया कि वह भी कई बार प्रतापगढ़ से फाइलें लेकर आता रहता है। यहां के कर्मचारी बिना पैसे कोई काम नहीं करते। हमेशा सरकारी कार्य के बदले वेतन से खर्चा कर कर्मचारियों को खुश करना पड़ता है अन्यथा वह कोई न कोई अड़चन लगाकर परेशान करते हैं। सुबह वह जब प्रतापगढ़ से फाइल लेकर पहुंचा तो पालीवाल ने पूछा कि साथ में क्या लाए हो, उसने कहा और क्या चाहिए तो पालीवाल ने रुपए मांग लिए। बताया गया कि वर्ष १९८७ में कनिष्ठ लिपिक पद पर भर्ती हुआ पालीवाल राजकीय सेवा में आने के बाद से ही इसी कार्यालय में अलग-अलग पद पर तैनात रहा।
Published on:
16 Nov 2017 01:35 am
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