लोक सेवक अपने पदीय कत्र्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रकरण में अभियुक्त ने असम्यक प्रभाव का प्रयोग कर अवैध परितोषण प्राप्त किया है। सामान्य तौर पर प्रत्येक व्यावसायिक बारीकियां जो ग्राहक को पता हीं नहीं होती है, का ही लाभ लेकर अतिरिक्त परितोषण असम्यक प्रभाव से कमाया जाता है।
बार-बार ट्रांसफर कर परेशान कर रहा था
परिवादी ने बताया कि मेरे बड़े भाई पृथ्वीराज मीणा चिकित्सा विभाग में एमपीडब्ल्यू पद पर पीएचसी सालमगढ़ में पदस्थापित है जिसे सीएमएचओ गुप्ता जरिये टेलीफोन तथा मौखिक आदेश देकर हर दूसरे दिन ट्रांसफर कर बार-बार परेशान करते हैं। अभी हाल में पृथ्वीराज को सालमगढ़ पीएचसी से प्रतापगढ़ सीएमएचओ कार्यालय में 18 दिसम्बर 2004 को टेलीफोन पर सूचना देकर ट्रांसफर कर दिया। इसके तीन-चार दिन के बाद ही उन्हें फिर गुप्ता ने जुबानी आदेश देकर सालमगढ़ भेज दिया। महज एक माह के बाद ही उन्होंने बड़े भाई को फिर से सीएमएचओ ने प्रतापगढ़ ड्यूटी ज्वाइन करने के मौखिक आदेश जारी किए जिस पर उन्होंने वापस प्रतापगढ़ ड्यूटी ज्वाइन की। सीएमएचओ से मिलने पर उन्होंने सालमगढ़ पीएचसी में ट्रांसफर के लिए सात हजार रुपए की मांग की। परिवादी सीएमएचओ से उनके सरकारी क्वार्टर पर मिले तो वह पांच हजार पर सहमत होते हुए एक हजार रुपए हाथोंहाथ ले लिए। शेष चार हजार रुपए लेते एसीबी ने 25 जनवरी 2005 को पकड़ लिया।