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14 साल पहले ट्रांसफर के एवज में ली रिश्वत, अब कोर्ट ने सुनाई यह सजा

locationउदयपुरPublished: Apr 16, 2019 04:32:37 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

प्रतापगढ़ से सालमगढ़ के बीच बार-बार मौखिक आदेश से स्थानातंरण कर कार्मिक को परेशान करते हुए रिश्वत मांगने के 14 वर्ष पुराने मामले में आरोपी तत्कालीन सीएमएचओ को न्यायालय ने एक वर्ष की कैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

मोहम्मद इलियास/उदयपुर. प्रतापगढ़ से सालमगढ़ के बीच बार-बार मौखिक आदेश से स्थानातंरण कर कार्मिक को परेशान करते हुए रिश्वत मांगने के 14 वर्ष पुराने मामले में आरोपी तत्कालीन सीएमएचओ को न्यायालय ने एक वर्ष की कैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
प्रतापगढ़ के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उदयपुर (cmho udaipur) में अग्रसेन नगर निवासी डॉ. श्यामसुन्दर पुत्र सोहनलाल गुप्ता के विरुद्ध 24 जनवरी 2005 को फणिलाल मीणा ने चित्तौडगढ़़ एसीबी के उपाधीक्षक को रिश्वत (corruption) मांगने की शिकायत की थी।
सत्यापन पुष्टि के बाद ब्यूरो ने आरोपी को चार हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गुप्ता को रंगे हाथों पकड़ा था। चालान पेश होने पर लोक अभियोजक गणेश शंकर तिवारी ने 22 गवाह व 47 दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश, सेशन न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण मामलात) के पीठासीन अधिकारी गोपाल बिजोरीवाल ने आरोपी सीएमएचओ को भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में एक-एक वर्ष की कैद व दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
निर्णय के दौरान न्यायालय (udaipur court) ने कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा कि वर्तमान में आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। जनसामान्य को उनके छोटे-बड़े कार्यों के लिए रिश्वत राशि देने के लिए मजबूर करना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।
लोक सेवक अपने पदीय कत्र्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रकरण में अभियुक्त ने असम्यक प्रभाव का प्रयोग कर अवैध परितोषण प्राप्त किया है। सामान्य तौर पर प्रत्येक व्यावसायिक बारीकियां जो ग्राहक को पता हीं नहीं होती है, का ही लाभ लेकर अतिरिक्त परितोषण असम्यक प्रभाव से कमाया जाता है।
यह अपने आप में एक शोषण व्यवस्था है जिसमें कई बार तो शोषित होने वाले को यह ज्ञात भी नहीं होता है कि उसका शोषण किया गया। वर्तमान में भ्रष्टाचार की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। आमजन इससे गंभीर रूप से त्रस्त है।

बार-बार ट्रांसफर कर परेशान कर रहा था
परिवादी ने बताया कि मेरे बड़े भाई पृथ्वीराज मीणा चिकित्सा विभाग में एमपीडब्ल्यू पद पर पीएचसी सालमगढ़ में पदस्थापित है जिसे सीएमएचओ गुप्ता जरिये टेलीफोन तथा मौखिक आदेश देकर हर दूसरे दिन ट्रांसफर कर बार-बार परेशान करते हैं। अभी हाल में पृथ्वीराज को सालमगढ़ पीएचसी से प्रतापगढ़ सीएमएचओ कार्यालय में 18 दिसम्बर 2004 को टेलीफोन पर सूचना देकर ट्रांसफर कर दिया। इसके तीन-चार दिन के बाद ही उन्हें फिर गुप्ता ने जुबानी आदेश देकर सालमगढ़ भेज दिया। महज एक माह के बाद ही उन्होंने बड़े भाई को फिर से सीएमएचओ ने प्रतापगढ़ ड्यूटी ज्वाइन करने के मौखिक आदेश जारी किए जिस पर उन्होंने वापस प्रतापगढ़ ड्यूटी ज्वाइन की। सीएमएचओ से मिलने पर उन्होंने सालमगढ़ पीएचसी में ट्रांसफर के लिए सात हजार रुपए की मांग की। परिवादी सीएमएचओ से उनके सरकारी क्वार्टर पर मिले तो वह पांच हजार पर सहमत होते हुए एक हजार रुपए हाथोंहाथ ले लिए। शेष चार हजार रुपए लेते एसीबी ने 25 जनवरी 2005 को पकड़ लिया।
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