
उदयपुर . हमारे समाज में आज भी अंतिम संस्कार में महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं है और दाह संस्कार के काम से महिलाओं को कोसों दूर रखा जाता है, लेकिन आज उसी समाज में महिलाओं ने कुछ ऐसा कदम उठाया है जो मिसाल बन गया है। दरअसल, शहर की कुछ महिलाओं ने लावारिस व असहाय लोगों के दाह संस्कार का जिम्मा उठाया है। शहर में अब तक कुछ संगठनों के पुरुष ही असहाय और लावारिस शवों के दाह संस्कार का पुनित कार्य करते रहे हैं लेकिन अब महिलाएं भी ये कार्य करने का बीड़ा उठा रही हैं।
शहर के मेवाड़ प्रताप दल की महिला सदस्याओं ने दाह संस्कार का जिम्मा लिया है। उल्लेखनीय है कि दल के पुरुष सदस्य लंबे समय से लावारिस और असहाय लोगों के दाह संस्कार का कार्य कर रहे हैं, लेकिन इन सदस्यों के साथ महिलाएं भी श्मशान घाट पहुंची। यहां उन्होंने लावारिस शव का दाह संस्कार किया।
पुनीत कार्यों से मन को मिलता है सुकून
अंतिम संस्कार में मंजू गहलोत, टीना सांखला, पूजा शर्मा, अनिता सोनी, इंद्रा चौहान, कंचन देवी आदि ने हिस्सा लिया। महिलाओं ने बताया कि इस पुनीत कार्य के बाद मन को काफी सुकून मिलता है। दल की महिलाओं ने दाहसंस्कार में भाग लेने के साथ ही इस कार्य को पूरा करने का निर्णय भी लिया है। मंजू गहलोत के अनुसार, हम पूरे दिल से चाहते थे कि ये नेक काम करें। इसमें एक के बाद एक बहनें जुड़ती गईं। पूजा शर्मा कहती हैं, हम पूरे परिवार के सहयोग से आगे बढ़े हैं। अक्सर महिलाओं को दाह संस्कार के कार्य से और श्मशान जाने से रोका जाता है लेकिन कई घरों में सिर्फ बेटियां होती हैं, ऐसे में वे भी ये कार्य करती हैं तो ऐसे में हम भी लावारिस और असहाय लोगों के दाह संस्कार के लिए आगे आए।
Published on:
06 Nov 2017 04:25 pm
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