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गोगुंदा प्रधान ने बीडीओ की पकड़ी गिरेबां, चेंबर में पत्रावली फाडक़र मुंह पर फेंकी, बीडीओ ने चार दिन बाद थाने में दी रिपोर्ट

-सरकार की धौंस जमाकर अमानवीय व्यवहार की रिपोर्ट, प्रधान बोले, कोई गिला-शिकवा नहीं, हम साथ हैं

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crime in udaipur

उदयपुर . सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के समर्थक गोगुंदा प्रधान पुष्कर तेली के खिलाफ वहीं के विकास अधिकारी मनहर विश्नोई ने गिरेबां पकडऩे और पत्रावली फाइल फाडक़र मुंह पर फेंकने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को घटना के चार दिन बाद गोगुंदा थाने में राजकार्य में बाधा डालने की प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

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विश्नोई का आरोप है कि आरोपित प्रधान ने सरकार का धौंस जमाते हुए उनके चैंबर में अमानवीय व्यवहार किया। नौकर जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सबक सिखाने की भी धमकी दी। पुलिस के अनुसार मामला 9 जनवरी की सुबह 10 बजे का है, जब बीडीओ विश्नोई उनके कार्यालय में थे। तभी प्रधान तेली मौके पर आए और ग्राम मोड़ी में करवाए गए सीसी सडक़ निर्माण और ब्लॉक्स कार्य की पत्रावली को नियम विरुद्ध पेश करते हुए इन कार्य के लिए बजट स्वीकृति की बात कही। बीडीओ ने नियमों से परे भुगतान करने से मना कर दिया। इस पर आपा खोते हुए प्रधान तेली ने उनकी गिरेबां पकड़ ली। फिर पत्रावली फाइल को फाड़ते हुए उनके मुंह पर फेंक दी। बीडीओ ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि प्रधान ने अभद्र शब्दों के साथ गाली गलौच का उपयोग किया।

धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई। पुलिस की ओर से काफी दबाव के बाद रात के समय प्राथमिकी दर्ज की गई। दूसरी ओर मामले से बचने के लिए थाना प्रभारी दूरभाष पर जवाब देने से भी कतराते दिखे। गौरतलब है कि अक्टूबर २०१६ को बीडीओ ने गोगुंदा पंचायत समिति की जिम्मेदारी संभाली है। दूसरी ओर प्रधान को सीट पर बैठे हुए करीब ३ साल हो चुके हैं।

यह भी आरोप
विश्नोई का आरोप है कि आरोपित प्रधान के कई धंधे चल रहे हैं। इनमें से एक सीमेंट ब्लॉक निर्माण की फैक्ट्री का भी है। प्रधान के पास सीमेंट की एजेंसी भी है। इसके चलते उन्होंने मोड़ी गांव में बिना ग्राम पंचायत की मंजूरी के अनधिकृत कई सारे निर्माण कार्य करवा दिए। सितम्बर में करवाए गए कामों के बदले उन्होंने पत्रावली पेश करते हुए अवैध तरह से सबंधित निर्माण कार्य का भुगतान दिलाने का दबाव बनाया। नियम का हवाला देने पर प्रधान बिफर पड़े।

मिल रही है धमकी
घटना के बाद प्रधान के निवेदन पर मैंने बात को भूला दिया, लेकिन वो दो दिनों से डराने-धमकाने जैसी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी पता चला है कि वह स्थानीय सरपंचों से उनके खिलाफ झूठी शिकायतें भी लिखवा रहे हैं। एेसे में पुलिस की शरण लेनी पड़ी।

-मनहर विश्नोई, बीडीओ, गोगुंदा

शुक्रवार रात को हम दोनों साथ ही थे। मुझे नहीं पता यह बातें कहां से हो रही हैं। मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है। मेरे और बीडीओ के बीच कोई विवाद नहीं है।
-पुष्कर तेली, प्रधान, गोगुंदा