
उदयपुर . गोगुंदा पंचायत समिति में मचे ‘उपद्रव’ के बीच एक नई सूचना ने गुत्थी को उलझा दिया है। पंचायत समिति की निगरानी में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में प्रधान और विकास अधिकारी के बीच हुई बहसबाजी का रिकॉर्ड नहीं मिला है। जांच में जुटी पुलिस को सीसीटीवी से बहुत कुछ उम्मीदें थी, लेकिन मामले को लेकर तस्वीर कुछ ओर ही सामने आ रही है। पुलिस कैमरे को 10 दिन से तकनीकी कारणों से खराब होना बता रही है, वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि कैमरों को खराब कर रिकॉर्ड गायब किया गया है।
इधर, मोड़ी सरपंच प्रहलादसिंह झाला के समर्थन में आई करणी सेना के गोगुंदा अध्यक्ष धर्मेन्द्रसिंह, सायरा अध्यक्ष श्रवणसिंह, जीवनसिंह देवड़ा, सूर्यवीरसिंह वाघेला सहित अन्य समाज प्रतिनिधियों ने रविवार को गोगुंदा थाने में वृत्ताधिकारी ओम कुमार को ज्ञापन देकर आरोपित प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। संगठन के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि 5 दिन के भीतर आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होती है राजपूत समाज की ओर से अनशन जैसे रास्ते का रूख करना पड़ेगा। दूसरी ओर पंचायत समिति सदस्य की ओर से दर्ज कराई गई जातिगत प्रताडऩा के मामले में पुलिस उपअधीक्षक ओम कुमार के स्तर पर रविवार को कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह मिला जवाब
विकास अधिकारी मनहर विश्नोई ने पहले तो सीसीटीवी की खराबी के कारणों की जानकारी से अनभिज्ञता जताई। बाद में पूछताछ कर बताया कि कार्यालय में सीसीटीवी व्यवस्था से जुड़ा उनका कर्मचारी बता रहा है कि कैमरे की रिकॉर्डिंग प्रधान और बीडीओ के बीच विवाद के बाद खराब हुई है। इससे पहले तक सभी रिकॉर्डिंग प्रक्रिया सही थी। हालांकि, बीडीओ ने सीसीटीवी खराब करने के पीछे किसका हाथ हो सकता है, इस बारे में अनभिज्ञता जताई।
पहले से खराब
पुलिस की पड़ताल में तो अब तक यही सामने आया है कि सीसीटीवी फुटेज वाली रिकॉर्डिंग करीब 10 दिन पहले से खराब है। उसमें तकनीकी कारण होना बताया गया है। अगर, कुछ ओर शिकायत मिलती है तो फिर से इसकी सत्यता भी जंचवा लेंगे।
-भंवरलाल विश्नोई, थाना प्रभारी, गोगुंदा
Published on:
15 Jan 2018 07:33 am
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