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छह राज्यों में फंसी हमारे ‘भगवान’ की उधारी, साढ़े आठ करोड़ से अधिक किराया बकाया

राजस्थान से बाहर उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, दिल्ली, गुजरात एवं महाराष्ट्र में सम्पत्तियां हैं, जिनकी देखरेख देवस्थान विभाग करता है।

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devasthan_department

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भुवनेश पंड़्या/उदयपुर. प्रदेश के सरकारी मंदिरों की देखरेख करने वाले देवस्थान विभाग के अधीन राजस्थान हीं नहीं, बल्कि छह राज्यों में संपत्तियां है। राजस्थान से बाहर उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, दिल्ली, गुजरात एवं महाराष्ट्र में सम्पत्तियां हैं, जिनकी देखरेख देवस्थान विभाग करता है। इन संपत्तियों पर जमे किरायेदारों पर साढ़े आठ करोड़ से ज्यादा का किराया बाकी है।


देखरेख में लगे हैं कई कर्मचारी

राज्य के बाहर स्थित मंदिरों एवं परिसम्पत्तियों की व्यवस्था के लिए सहायक आयुक्त, ऋषभदेव और उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, दिल्ली में स्थित मंदिरों एवं परिसम्पतियों की व्यवस्था के लिए सहायक आयुक्त वृन्दावन को नियुक्त कर रखा है, जबकि इनकी सहायता के लिए प्रबंधक, पुजारी, चौकीदार जैसे कई कर्मचारी नियुक्त कर रखे हैं। विभागीय अधिकारियों और निरीक्षकों की ओर से सम्पत्तियों का निरीक्षण एवं देखरेख की जाती है।

किराए पर दी जाती है सम्पत्तियां

देवस्थान विभाग के अधीन सम्पतियों को किराए पर देने की किराया नीति 6 जून 2000 को बनी थी। इसी के तहत सम्पत्तियां किराए पर दी जाती है। विभाग के निरीक्षक एवं प्रबंधक की ओर से प्रतिमाह किराए का मांग पत्र दिया जाकर किराया वसूली की जाती है। भुगतान में चूक करने पर सम्पत्तियों को खाली करवाने के संबंध में राजस्थान सार्वजनिक भू-गृहादि, अप्राधिकृत अधिवासियों की बेदखली अधिनियम 1964 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। साथ ही किराया राशि में वृद्धि के लिए किराया नीति दिनांक 2000 के अनुसार प्रति तीन वर्ष बाद 15 प्रतिशत बढ़ाया जाता है।


अब नई किराया नीति

राजस्थान उच्च न्यायालय में डीबी सिविल रिट पिटिशन संख्या 752/2016 के तहत जनहित याचिका सुमोटो नोटिस बनाम राजस्थान सरकार व अन्य विचाराधीन है। जिसमें न्यायालय ने 22 मई 2017 से विभाग की किराया नीति को स्थगित करते हुए नई नीति प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। जिसकी अनुपालना में नवीन किराया नीति 2019 का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जो विचाराधीन है।

बकाया किराया: राशि लाखों में


प्रदेश में बाकियात

जिला - 1 से 3 वर्ष - 3 से 5 वर्ष - 5 वर्ष से अधिक
उदयपुर- 592144, 296980, 11772565

जयपुर - 152958, 688473, 45165527
झुन्झुनू- 00, 00, 2767169

अलवर- 00, 79750, 85950
बीकानेर- 928749, 179272, 13115

कोटा- 30796, 160520, 1030928
बूंदी- 487385, 571249, 7269

बारा- 830890, 730403, 6757766
झालावाड़-743256, 704242, 71555

राजसमन्द- 67440, 00, 00
भीलवाड़ा- 48033, 00, 00


राज्य से बाहर के बकायादार

मथुरा- 50663, 112331, 2758145
उत्तरकाशी- 00, 146676, 00

हरिद्वार- 00, 00, 78396
वाराणसी- 28128, 00, 183540

कुल राशि- 8 करोड़ 66 लाख 89 हजार 970 रुपए

नहीं दे पाए माकूल जवाब


देवस्थान विभाग के आयुक्त कृष्ण कुणाल महाराष्ट्र में ड्यूटी पर हैं। इसे लेकर पत्रिका ने अतिरिक्त आयुक्त ओपी जैन से बातचीत की। उन्होंने हाल में प्रभार ज्वाइन किया है, फिलहाल में अवकाश पर चल रहे है, उन्होंने बताया कि वे बाहर हैं। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर सुनील मत्तड़ से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनके पास इसका प्रभार नहीं है।


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