
उदयपुर . पर्यावरण की सुरक्षा और संवर्धन हर व्यक्ति का नैतिक अधिकार है। कोई भी व्यक्ति, संस्था या इंडस्ट्रीज पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है तो अब इसकी ऑनलाइन शिकायत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से की जा सकती है। एनजीटी ने अपनी वेबसाइट पर सीपीजीएआरएमएस नाम से लिंक उपलब्ध करवाया है। जो शिकायत का क्या निस्तारण हुआ, इसकी भी जानकारी देता है। आमजन के साथ राज्य और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भी इस पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत भेज सकते हैं। पोर्टल में विभाग का भी ऑप्शन दिया गया है। शिकायत को एनजीटी की ओर से संबंधित विभाग को ट्रांसफर किया जाता है। एनजीटी पर्यावरण के मामलों में सर्वोपरि संस्था होने के कारण इस पर तुरंत प्रभाव कार्रवाई भी हो सकेगी। पोर्टल सुविधा से एनजीटी की पर्यावरण संबंधी शिकायतों पर सीधी मॉनिटरिंग भी रहेगी।
वायुमंडल में जहर घोल रहे हैं उद्योग : पर्यावरणविदों के अनुसार औद्योगिकीकरण से वायुमंडल में जहरीली गैसें तेजी से बढ़ रही हैं। औद्योगिकरण के बाद वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड में 107 पीपीएम, मिथेन में 1045 पीपीबी, नाइट्रास ऑक्साइड में 44 पीपीबी और क्लोरो फ्लोरो कार्बन में 533 पीपीटी की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार गैसों का उत्सर्जन बढ़ता रहा तो 2030 तक औसत तापमान 3.4 डिग्री बढ़ जाएगा। यह तापमान वृद्धि मानव जीवन के कई प्रकार की परेशानियां लेकर आएगा।
कड़ी निगरानी जरूरी : बढ़ते प्राकृतिक असुंतलन को रोकने के लिए अब पर्यावरण नियमों की सख्ती से अक्षरश: पालना कराने की आवश्यकता है। इसके लिए उद्योगों की कड़ी निगरानी होनी चाहिए।
उदयपुर में पर्यावरण की व्यवस्थित मॉनिटरिंग कर पूरा ध्यान रखा जा रहा है। समय-समय पर उद्योगों की जांच करते हैं। पर्यावरण के संदर्भ में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। पर्यावरण की सुरक्षा सिर्फ किसी विभाग का ही नहीं, प्रत्येक व्यक्ति का प्रमुख दायित्व है।
डॉ. बीआर. पंवार, क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड
Published on:
12 Oct 2017 02:28 pm
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