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उदयपुर

सुखद खबर…क्रिटिकली एंडेंजर्ड सूची में शामिल गिद्धों ने मेनार में डाला डेरा, प्रकृति प्रेमियों के चेहरे पर आई मुस्कान

Good News : सुखद खबर…। बर्ड विलेज मेनार में एक साथ विलुप्तप्राय तीन प्रजातियों के 50 से अधिक गिद्ध दिखे। जिससे प्रकृति प्रेमियों के चेहरे पर सुखद मुस्कान आई।

उदयपुरFeb 10, 2025 / 12:43 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Good News Critically Endangered List included Vultures See in Bird Village Menar Nature Lovers Faces Smiles

फोटो एक्सक्लूसिव : मेनार स्थित तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में दिखा गिद्ध पक्षी । मेनार । फोटो – उमेश मेनारियां

Good News : मानवजनित संकट से त्रस्त अपनी प्रजाति पर आए संकट के बीच अपने अस्तिव को बचाने में लगे गिद्ध ने बर्ड विलेज मेनार में अपनी आमद दर्ज कराई है। मेनार वेटलैंड कॉप्लेक्स से सुखद खबर है। ढंड तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में 50 से अधिक गिद्धों को देखा गया हैं। विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे लॉंगबिल्ड बिल्ड वल्चर सहित 2 अन्य प्रजाति के गिद्ध मेनार में दिखाई दिए हैं। आमतौर पर इस तरह एक या दो गिद्ध दिखना भी सुखद तस्वीर मानी जाती है, लेकिन मेनार में तालाब के पास भील बस्ती स्कूल के पास पक्षी मित्र युधिष्ठिर एकलिंग दासोत को 50 से अधिक गिद्ध झुंड में दिखे, जो एक बड़े मृत मवेशी को खा रहे थे। इनकी 90 से 95 प्रतिशत संख्या क्रेश हो चुकी है। लगातार कम होती संख्या से इनके अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है। लेकिन विंटर सीजन के अंतिम दिनों में दिखने से प्रकृति प्रेमियों के लिए सुखद खबर है।

यह होती है विशेषता

लॉन्ग-बिल्ड गिद्ध जिसे भारतीय गिद्ध कहा जाता है, जिसका वैज्ञानिक नाम जिप्स इंडिकस है। यह एक मध्यम आकार के मांसाहारी पक्षी है, जो भारी होते हैं। दिखावट में हल्के भूरे रंग का शरीर, गहरे रंग के उड़ान पंख, सफेद जांघें, और चौड़े पंख होते हैं। सिर और गर्दन काली होती है। जिन पर सफेद पंख होते हैं। उनकी चोंच लंबी, हल्की और मजबूत होती है। यह मुयत: मरे हुए जानवरों के शवों पर निर्भर रहते हैं। इन्हें घेरकर खाते हैं।
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आखिरी बार इतनी संख्या 2019 में दिखी थी

मेनार की प्राकृतिक आबोहवा व अनुकूल रहवास स्थानीय गिद्धों के अलावा प्रवासी गिद्धों को भी रास आ रही है। जो उदयपुर क्षेत्र पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों के लिए सुखद समाचार है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार बहुत ही अधिक प्रजातियों एवं बड़ी संख्या में गिद्ध देखे गए हैं। मेनार में आखिरी बार इतनी संख्या 2019 में दिखी थी। उस समय इसी इलाके में 100 से अधिक गिद्ध पक्षी एक साथ दिखे थे। जिसे वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर के दल ने कैमरे में कैद किया था। हालांकि उस समय 5 प्रजातियों के गिद्ध दिखे थे।
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Bird Village Menar
फोटो एक्सक्लूसिव : मेनार स्थित तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में दिखा गिद्ध पक्षी । मेनार। फोटो – उमेश मेनारियां

आईयूसीएन की रेड लिस्ट में ये वल्चर

मेनार में एक साथ लॉन्ग बिल्ड वल्चर, ग्रिफन वल्चर और सिनेरियस वल्चर को झुंड में देखा है। जिसमें लॉन्ग बिल्ड वल्चर आईयूसीएन की रेड लिस्ट में क्रिटिकली एनडेन्जर्ड सूची में है। ग्रिफन वल्चर खतरे की सूची में है। मेनार में आमतौर पर इजिप्शियन वल्चर मेला ग्राउंड, भील बस्ती, मेनार रुंडेड़ा मार्ग, खोड़ियार माता मंदिर सहित मेनार बीएसएनएल ऑफिस के पीछे के क्षेत्र में दिख ही जाता है। लॉन्ग बिल्ड स्थानीय है, वहीं ग्रिफन वल्चर सर्दियों में प्रवास पर आता है।
Bird Village Menar
फोटो एक्सक्लूसिव : मेनार स्थित तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में दिखा गिद्ध पक्षी । मेनार । फोटो – उमेश मेनारियां

बीमार मृत पशुओं के खाने से संख्या घटी

पेस्टिसाइड व डाइक्लोफेनिक के अधिक इस्तेमाल के चलते गिद्ध प्रजाति संकट में आ गई। फसलों में पेस्टिसाइड के अधिक प्रयोग से यह घरेलू जानवरों में पहुंचता है। जानवरों के मरने के बाद मृत पशु खाने से गिद्धों में पहुंचता है। पेस्टिसाइड से इनके शारीरिक अंग किडनी फैलियर हो जाते हैं। प्रजनन क्षमता खत्म होने से गिद्ध संकटग्रस्त पक्षियों की श्रेणी में पहुंच चुके हैं।

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