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GST New Rates : जीएसटी की नई दरों में कल से बदलाव लागू, आसान शब्दों में समझें GST का नया गणित

GST New Rates : जीएसटी की नई दरों में 22 सितंबर से बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जिससे व्यापारिक जगत में हलचल है। व्यापारी बंधु आसान शब्दों में समझें GST का नया गणित। पत्रिका ने विशेषज्ञों से जाने आपके मन में उठने वाले सवालों के जवाब।

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GST New Rates Effect Tomorrow Understand New Math of GST in Simple Words

सीए केशव मालू। पत्रिका फोटो

GST New Rates : जीएसटी की नई दरों में 22 सितंबर से बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जिससे व्यापारिक जगत में हलचल है। कई व्यापारी पुराने स्टॉक, सेल्स रिटर्न, क्रेडिट नोट, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी), रिवर्सल, रिफंड और नई दरों के लागू होने की समयसीमा को लेकर असमंजस में हैं। सरकार ने यह बदलाव कर ढांचे को सरल और तार्किक बनाने के उद्देश्य से लागू किया है, लेकिन इसके साथ ही कई तकनीकी प्रावधान भी जोड़े गए हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।

अनजाने में जीएसटी नियमों का हो सकता है उल्लंघन

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि व्यापारी समय रहते नियमों को नहीं समझते तो अनजाने में जीएसटी नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं, जिससे जुर्माना या टैक्स डिमांड की नौबत आ सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुराने स्टॉक पर कौन सी दर लगेगी, क्या पहले से ली गई आइटीसी वापस करनी होगी, नई दरों से कीमतें घटेंगी या नहीं और डिस्काउंट या जॉब वर्क पर क्या असर होगा।

इसी को ध्यान में रखते हुए पत्रिका ने विशेषज्ञ सीए केशव मालू से बात कर जीएसटी काउंसिल के ताजा फैसलों और नियमों के आधार पर व्यापारियों की प्रमुख शंकाओं का समाधान खोजने की कोशिश की। इससे व्यापारी 22 सितंबर से लागू होने वाले बदलावों को पूरी तरह समझ सकेंगे और बिना किसी परेशानी के टैक्स योजना बना सकेंगे।

कंपोजिशन डीलर भी सावधान रहें

छोटे व्यापारी कंपोजिशन स्कीम में आते हैं, उन्हें भी सावधानी रखनी होगी, क्योंकि उन्हें १त्न टैक्स देना पड़ता है। गलत स्टॉकिंग से टैक्स भी फंस सकता है और माल का मूल्य घट सकता है। विशेषज्ञ का कहना है कि छोटे व्यापारी टैक्स दरों के बदलाव को ध्यान में रख खरीद-बिक्री करें तो साल में 3 से 4 लाख तक का फायदा उठा सकते हैं।

गलत स्टॉकिंग से बचें छोटे व्यापारी

टैक्स विशेषज्ञ बताते हैं कि छोटे व्यापारी यह सोचकर माल खरीदकर जमा कर रहे हैं कि दरें बढ़ने के बाद उसी माल को बेचकर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकेगा, लेकिन यदि वे यह नहीं जानते कि किस वस्तु पर दरें बढ़ेंगी और किस पर घटेंगी तो यह स्टॉक उनके लिए घाटे का सौदा बन सकता है।

सीए सुनील पी. जैन के अनुसार, जिन वस्तुओं पर जीएसटी की दरें 22 सितंबर के बाद बढ़ने वाली हैं, उन्हें व्यापारी अभी से खरीदकर रख सकते हैं। इससे दरें बढ़ने के बाद वही पुराना स्टॉक नई दर पर बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि किसी वस्तु पर अभी 12 फीसदी जीएसटी है और 22 सितंबर से 18 फीसदी हो जाएगी तो व्यापारी उसे अभी खरीदकर रखें और बाद में नई दर लागू होने पर बेचें। इससे उसे 6 फीसदी अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।

Q/A 22 सितंबर से बदलाव होंगे, लेकिन सभी पूरी तरह से नहीं

Q. यदि व्यापारी ने 22 सितंबर से पहले माल बेचा है और किन्हीं कारणों से सेल्स रिटर्न हो रहा है तो क्रेडिट नोट किस दर से बनेगा?
A. यदि माल पुरानी दर से बेचा गया है तो 22 सितंबर के बाद भी उस माल से संबंधित क्रेडिट में नाम अलग था, फैन मिलनोट पुरानी दर से ही बनेगा।

Q. यदि किसी वस्तु पर कर (जीएसटी) शून्य हो रहा है तो क्या उस माल पर ली गई पुरानी आइटीसी वापस करनी होगी?
A. ऐसी दशा में स्टॉक में रखे माल पर ली गई क्रेडिट वापस करनी होगी।

Q. 22 सितंबर से पहले खरीदे माल को यदि बाद में बेचा जाएगा तो कौन सी दर लागू होगी?
A. 22 सितंबर के बाद जो भी सप्लाई होगी, उस पर नई दर से ही जीएसटी लागू होगा।

Q. यदि किसी वस्तु पर जीएसटी की दर 22 सितंबर से कम हो रही है तो क्या पुरानी आइटीसी को रिवर्स करना होगा?
A. नहीं, दर कम होने पर पूर्व में ली गई आइटीसी को रिवर्स करने की जरूरत नहीं है। अन्य शर्तें पूरी हो रही है तो।

Q. यदि किसी वस्तु के कच्चे माल पर जीएसटी की दर अधिक और तैयार माल पर नई दर कम कर दी गई है तो क्या आइटीसी रिवर्स करनी होगी?
A. रिवर्स नहीं करनी होगी। ऐसी स्थिति में करदाता अप्रयुक्त आइटीसी का रिफंड भी नियम से मांग सकता है।

Q. क्या विभाग ऐसे रिफंड आसानी से दे देगा?
A. हां, धारा 54 व नियम 89 (5) के तहत इसका स्पष्ट प्रावधान है।

Q. जिन वस्तुओं पर जीएसटी की दर कम कर दी गई है, क्या उनकी बाजार कीमत जीएसटी दर के बराबर कम हो जाएगी?
A. हां, परंतु अगर कच्चे मूल्य पर आईटीसी नही मिलती है या उपयोग नहीं हो पाती है तो मूल्य में कमी थोड़ी कम होगी।

Q. अगर डिस्काउंट इस शर्त पर दिया जाए कि डीलर भी आगे डिस्काउंट देगा, तो क्या ऐसा डिस्काउंट जीएसटी के लिए घटाया जाएगा?
A. नहीं, सरकारी सर्कुलर के अनुसार बेचने पर दिए जाने वाले सामान्य डिस्काउंट पर जीएसटी नहीं लगेगा, लेकिन सीधे आगामी विक्रय से जुड़ा है तो देना होगा।

Q. छोटे होटल (कमरा किराया 7500 रु. या कम) पर जीएसटी 5त्न बिना आइटीसी के की गई है, क्या वे 18त्न टैक्स लगाकर आइटीसी ले सकते हैं?
A. सामान्य : 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर क्रेडिट नहीं मिलता, परंतु नियमानुसार डिक्लेरेशन देकर व अन्य शर्तें पूरी करने पर 18 फीसदी टैक्स दिया जा सकता है। व इस स्थिति में क्रेडिट भी मिलेगी।

Q. क्या नए व्यापारियों को अब रजिस्ट्रेशन आवेदन के तीन दिन में स्वत: मिल जाएगा?
A. हां, यदि वे घोषणा दें कि उनका देय टैक्स हरमाह ढाई लाख से अधिक नहीं होगा, उन्हें तीन दिन में स्वत: रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा।

Q. क्या नई रजिस्ट्रेशन सुविधा 22 सितंबर से लागू होगी?
A. नहीं, यह व्यवस्था 1 नवंबर से लागू होगी।

Q. क्या पान मसाला, सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों पर नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी?
A. नहीं, इन पर नई दरें तय तो कर दी गई हैं, लेकिन लागू होने की तिथि वित्त मंत्री बाद में घोषित करेंगी। अभी पुरानी दरें ही चलेंगी।

Q. क्या जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सभी पॉलिसियां कर मुक्त कर दी गई हैं?
A. हां, व्यक्तिगत जीवन, स्वास्थ्य बीमा की सभी प्रकार की पॉलिसियां अब कर मुक्त कर दी गई हैं। परंतु ग्रुप इंश्योरेंस इससे बाहर है।

Q. क्या सभी जॉब वर्क पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दी गई है?
A. नहीं, कुछ विशिष्ट वस्तु (छाते, ईंटें, दवाइयां, चमड़ा आदि) पर ही दर घटाकर 5 फीसदी की गई है। इनके अलावा अवशिष्ट श्रेणी पर 12 से हटाकर 18 की गई है।