
फाइल फोटो पत्रिका
GST Update : जीएसटी काउंसिल की ओर से जीएसटी में किए गए रिफॉर्म के बाद माना जा रहा है है कि इससे आम आदमी के घरेलू बजट में मासिक रूप से 20 प्रतिशत तक की बचत होने की संभावना है। सीमेंट, सेनेटरी और अन्य उत्पादों पर जीएसटी घटने से रियल एस्टेट में घर की कीमत 10 प्रतिशत तक कम हो सकती है, लेकिन बड़ा सवाल हैं कि क्या कंपनियां और उनके डीलर जीएसटी काउंसिल की ओर से दी गई राहत को उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे।
जानकार मानते हैं कि यदि कंपनियों ने अपना प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाने के लिए जीएसटी घटने से होने वाली बचत को उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया, तो उपभोक्ता के साथ बाजार को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसी तरह क्या रियल एस्टेट में भी प्रॉपर्टी के दामों में कमी की उम्मीद कर रहे ग्राहक निराश हो सकते हैं।
रियल एस्टेट एक्सपर्ट रितेश अग्रवाल का कहना है कि 22 सितम्बर पहले नवरात्र से जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी। 22 सितंबर से ही रियल एस्टेट में नए कारोबारी सीजन की शुरुआत होती है। जीएसटी में कमी से अनुमान है कि निर्माण लागत में 10 प्रतिशत की कमी आएगी। प्रॉपर्टी में 10 प्रतिशत बड़ी राशि होती है। यानी 50 लाख के फ्लैट पर 5 लाख रुपए की बचत। यदि प्रमोटर्स ने जीएसटी की इस बचत को खरीदारों तक पहुंचाया तो इससे खरीदार आकर्षित होंगे, जो रियल एस्टेट मार्केट के लिए सौगात साबित हो सकता है, इसके लिए ग्राहकों की प्रॉपटर्टी के दामों में कमी नजर आनी चाहिए।
फोर्टी यूथ विंग अध्यक्ष सुनील अग्रवाल का कहना है कि जिस तरह से रेपो रेट कम होने पर भी बैंक ब्याज दर कम नहीं करते। यदि इसी तरह कंपनियों या डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर ने जीएसटी काउंसिल की ओर से मिली राहत को उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया तो जीएसटी की दरों में कमी से महंगाई कम होने पर उपभोक्ता की मांग में इजाफा और राजस्व घाटे की पूर्ति की उम्मीद पूरी नहीं होगी।
Published on:
09 Sept 2025 07:45 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
