10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाहरी खाना बन गया जानलेवा, मुस्कान छिनी, करोड़ों खर्च कर लड़ रहा मौत से

अगर आप घर का खाना छोडकऱ हर कहीं बाहर का खाना खा रहे हैं तो संभल जाएं। बाहर बनने वाला अस्वच्छ व अस्वस्थ्य भोजन आपके लिए जानलेवा हो सकता है, इससे आपको गिलीयन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) नामक बीमारी हो सकती है।

2 min read
Google source verification

अभिनव वाजपेयी: फोटो पत्रिका

उदयपुर। अगर आप घर का खाना छोडकऱ हर कहीं बाहर का खाना खा रहे हैं तो संभल जाएं। बाहर बनने वाला अस्वच्छ व अस्वस्थ्य भोजन आपके लिए जानलेवा हो सकता है, इससे आपको गिलीयन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) नामक बीमारी हो सकती है। इसके संक्रमण से व्यक्ति का स्नायु तंत्र प्रभावित होने के साथ लकवा तक हो सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ शहर के युवा अभिनव वाजपेयी के साथ। लगातार बाहर के खाने की थाली ने अभिनव की मुस्कान छीन ली। करोड़ों खर्च कर यह युवा अभी मौत से जंग लड़ रहा है।

10 माह से वेंटिलेटर पर, अब धीरे-धीरे हो रहा स्वस्थ्य

निजी कंपनी में कार्यरत अभिनव पिछले दस माह तक वेंटिलेटर पर रहा। अब वह धीरे-धीरे स्वस्थ्य हो रहा है। वे अभी तक महंगा इलाज ले रहे हैं। साथ ही लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि वे बच्चों को घर का खाना खिलाएं ,बाहर के स्वाद से बचाएं। अभिनव वाजपेयी गुजरात में मूंदड़ा की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। 26 सितम्बर 2024 के एक दिन केंटीन का खाना खाने के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। आरंभ में चिकित्सकों को भी पता नहीं चला, उन्होंने पहले हार्ट का इलाज किया।

लगातार तबीयत बिगड़ती गई तो फिर परिजनों ने इकलौते चिराग को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में दिखाया। जांच में पता चला कि उन्हें खराब खाने के कारण गिलीयन बैरे सिंड्रोम नामक बीमारी हो गई। इस बीमारी से उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने के साथ ही पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया। 10 महीने तक वेंटिलेटर पर रहने के दौरान चिकित्सकों की ओर से उनके मुंह में नली डालकर खाना दिया गया। इलाज में लाखों रुपए खर्च होने पर परिवार पूरी तरह से आर्थिक रूप से टूट गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

क्या है गिलीयन बैरे सिंड्रोम?

गिलीयन बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नर्वस सिस्टम पर हमला कर देती है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, झनझनाहट और लकवा तक हो सकता है। यह बीमारी अस्वच्छ भोजन से होती है। इसमें हाथ-पांव में कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, चलने में कठिनाई व लकवा हो जाता है। अगर इसमें सही समय इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।

बचाव और सतर्कता

साफ सुथरे और ताजा पके हुए भोजन का ही सेवन करें।

सड़क किनारे, गली-मोहल्ले में बने या अस्वच्छ कैटरिंग में बना खाना खाने से बचें।

भोजन से पहले स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए साबुन से दो बार हाथ जरूर धोएं।

खाना बनाने से लेकर खाने तक के बर्तन और पानी की स्वच्छता पर भी ध्यान दें।

लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं।