अल्पसंख्यक मामलात के केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा लांच किए इस पोर्टल के बाद हज कमेटी ने देशभर के ऑपरेटरों से रजिस्टे्रशन के लिए आवेदन मांगे भी हैं। जिसमें पांच साल के हज टूर का अनुभव की शर्त रखी गई है। बिना रजिस्ट्रेशन वाले ऑपरेटर इस प्रक्रिया से स्वत: ही बाहर हो जाएंगे। इसके बाद शीघ्र ही उमराह पर ले जाने वाले टूर कंपनियों का भी पोर्टल बनाने की तैयारी है।
इसलिए पड़ी आवश्यकता – मक्का मदीना में हज यात्रियों के लिए प्रतिवर्ष वहां की सरकार हर देश में अलग-अलग कोटा निर्धारित करती है। देश में आने वाले कोटे को हर राज्य को आवंटित किया जाता है। यह कोटा आवेदकों की संख्या के मुकाबले काफी कम होता है। ऐसी स्थिति में निजी टूर ऑपरेटर अधिक पैसा लेकर यात्रियों को ले जाते हैं।
वर्ष 2017 में ही उदयपुर व अहमदाबाद की निजी टूर एजेंसियों ने करीब 13 यात्रियों को अटका दिया। दोनों ही एजेन्टों ने समय पूर्व ही यात्रियों से पैसा ले लिया। ऐन वक्त तक वह उन्हें वीजा उपलब्ध नहीं करवा पाया। बांसवाड़ा के यात्रियों को तो मुंबई ले जाकर एक होटल में ठहरा कर गायब हो गया। इस संंबंध में थानों में मामले भी दर्ज हुए। इससे पूर्व उमराह के नाम पर कई ठगी हुई।
पोर्टल के माध्यम से आवेदक आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के हज डिवीजन इन आवेदनों की छानबीन करेगा। इस पोर्टल का उद्देश्य पूरे देश के निजी टूर एजेन्सियों द्वारा प्रस्तावित दरों, पैकेज और सुविधाओं के विवरण प्रदर्शित करना है। इस प्रकार हज यात्रियों को अपनी पसंद के ऑपरेटर को चुनने का विकल्प होगा।