
राजस्थान के गृहमंत्री के घर में जमीनों को लेकर बढ़ी खूनी जंग, अपराधियों के हौसले हो रहे बुलंद
मो. इलियास/उदयपुर . शहर के अंदरूनी इलाकों की बेशकीमती एवं आसपास के क्षेत्रों के गरीब आदिवासियों की जमीनों पर भूमि दलालों की ऐसी गिद्ध दृष्टि है कि वे फर्जी दस्तावेज व पट्टे बनाकर या डरा-धमका कर जमीन पर कब्जा करने एवं खाली करवाने के लिए पेशेवर अपराधियों को ‘सुपारी’ दे रहे हैं। जमीनों की इस खेल में गैंगवार पनपने से खुलेआम तमंचे व हथियार से खूनी जंग होने लगी है। इधर, शहर में अपराधियों का बोलबाला बढऩे से लोग खौफजदा हैं, वहीं पुलिस इस गैंगवार को रोकने में नाकाम साबित हुई है।
गत दिनों फायरिंग की विभिन्न घटनाओं में धरपकड़ व अपराधियों से पूछताछ में कुख्यात अपराधी आजम का नाम सामने आने के बावजूद पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही। सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर में कभी सीबीआई का गवाह रहा आजम बाहरी अपराधियों के जरिये वारदातें करवा रहा है। सोमवार को बापूबाजार में कन्नू कुमावत के अलावा मधुवन में सोहनपुरी व प्रोपर्टी डीलर कालूलाल जैन पर फायरिंग में भी उसका नाम सामने आया है। गुमराह करने के लिए वह परिजनों से मुंबई में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में स्वयं को खतरा होने की सूचना भेजकर वारदात पर वारदात कर रहा है।
जमीन में अपनों से ही छला, पुलिस ने दे रखी सुरक्षा
मधुवन स्थित पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय के बाहर डेढ़ माह पूर्व दिनदहाड़े कुछ युवकों ने माली कॉलोनी सूरजपोल निवासी सोहनपुरी पर फायरिंग हुई। मामले में पुलिस ने जांच के बाद उसके साढू के पुत्र नरेशगिरी को गिरफ्तार किया। आरोपी ने आजम को पैसा देकर फायरिंग करवाई थी। पुलिस ने बताया कि सोहनगिरी पर फायरिंग उसके ससुर मोहनगिरी की माली कॉलोनी में स्थित बेशकीमती जमीन पर कब्जे के नीयत से दलालों ने करवाई। नरेशगिरी ने इस जमीन को फर्जी पावर ऑफ अटर्नी से मां भागवंतीदेवी के नाम करवाकर विवादित कर दिया था। उसके बाद दो बीघा जमीन की मुकेश जैन की पत्नी भावना व राजेश की पत्नी आरती के नाम रजिस्ट्री करवा दी। इस संबंध में हाथीपोल थाने में वर्ष 2016 में मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में पुलिस ने नरेश व उसकी मां भागवंती को गिरफ्तार किया था। यह मामला लंबित होने के बीच ही फाइल सीआईडी सीबी क्राइम ब्रांच जयपुर रेफर कर दी गई। मामले में राजेश उसके ससुर मोहनपुरी के पक्ष में रजामंद हो गया लेकिन मुकेश व नरेश अब भी विवादित जमीन पर कब्जा व समझौते के फिराक में घूम रहे थे। अभी यह मामला क्राइम ब्रांच में चल रहा है। इस बीच सोहनगिरी को लगातार धमकियां मिल रही है।
जमीनी खेल में ली जान
बहुचर्चित प्रवीण पालीवाल हत्याकांड भी जमीन खेल था। इसमें नरेश व प्रवीण के मध्य गोगुन्दा में जमीन के विवाद को लेकर झगड़ा हुआ। बाद में नरेश ने साथियों के साथ मिलकर शास्त्री सर्कल पर फायरिंग कर प्रवीण की हत्या कर दी। जवाबी कार्रवाई में प्रवीण के गुर्गो ने नरेश को फाइनेंस करने वाले अजय पूर्बिया को मार डाला। जमीन को लेकर इस जंग में दो जानें गई और दोनों ही हत्याकांड के प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं।
बेशकीमती जमीन को लेकर जंग
सेलिबे्रशन मॉल के पीछे स्थित जमीन पर कब्जे की नीयत से कुछ दिनों पहले हिस्ट्रीशीटर एवं कुछ अपराधियों ने बाउंड्रीवॉल तोड़ते हुए हथियार लहराए। पुलिस ने धरपकड़ की तो सामने आया कि मुख्य आरोपी ने जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवा ली। मामले में एससी /एसटी सेल के उपाधीक्षक की जांच में प्रथमदृष्टया जुर्म भी प्रमाणित हो गया। प्रकरण में भी जमीन पर कब्जे के लिए आरोपियों ने बाहरी अपराधियों को सुपारी दी थी।
पूर्ववर्ती व्यवस्था बंद, बाहर से आ रहे अपराधी
- पूर्व की व्यवस्था के अनुसार सभी थानाधिकारी अपने क्षेत्र में झुग्गी-झोपडिय़ों, कच्ची बस्तियों व डेरे में रहने वाले लोगों की सघन चैकिंग करेंगे।
- आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के डेरों की तलाश कर उनके विरुद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
- सभी थानाधिकारी वृत्ताधिकारियों से विचार-विमर्श कर उदयपुर जिले में प्रवेश कर रही रात्रिकालीन बसों व जिले को छोड़ कर जा रही प्रात: कालीन बसों की सघन चैकिंग कर संदिग्ध लोगों का पता लगाएंगे।
- संपत्ति संबंधी अपराध के अभ्यस्त अपराधियों की वर्तमान गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर उनके रिकार्ड के आधार पर धारा 110 सीआरपीसी, हिस्ट्रीशीट फाइल, केस ऑफिसर हार्ड कोर स्कीम आदि के तहत उचित कार्रवाई करेंगे।
- पर्चा बी के प्रारूप में मोबाइल, पहचान की साक्ष्य आदि भरकर जिला स्तर पर परिवर्तन किया गया है।
- थाना क्षेत्र में बाहर से आकर रह रहे संदिग्ध आचरण व्यक्तियों के नए प्रारूप में पर्चा बी भरवाने का सघन अभियान चलाएंगे।
- प्रत्येक रविवार को थानाधिकारी सप्ताह में प्रत्येक आरक्षी के भरे गए पर्चा बी की सूची तैयार करेंगे।
Published on:
19 Jul 2018 02:38 pm
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