
उदयपुर . केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय में लागू भारतीय रोड कांग्रेस के कायदों के अनुसार किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सडक़ के मध्य से 40 मीटर की दूरी पर निज आवास एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का संचालन नहीं हो सकता, लेकिन इस मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय की सुस्ती से अवैध निर्माण में जुटे लोगों के हौसले बुलंद हैं। प्राधिकरण की देखरेख में संचालित नेशनल हाईवे संख्या 76 शिवपुरी -पिण्डवाड़ा वाया उदयपुर पर जगह-जगह धड़ल्ले से सडक़ के किनारे दुकानों का नियमों के विपरीत निर्माण बढ़ रहा है। प्राधिकरण का तर्क है कि ऐसे मामलों में कार्रवाई का अधिकारी क्षेत्रीय राजस्व अधिकारी या तहसीलदार के पास है, लेकिन राजस्व अधिकारी को इसकी शिकायत तो प्राधिकरण को ही करनी होती है।
राजस्थान पत्रिका टीम ने राजमार्ग पर गोगुंदा ओवर ब्रिज से लेकर मोलेरा टोल टैक्स तक पड़ताल की तो जगह-जगह पर नियमों के विपरीत हो रहे निर्माण पाए गए। अधिकार और कार्रवाई इंडियर रोड कांग्रेस के नियम के तहत सडक़ के केंद्र बिन्दू से कुल 40 मीटर दूरी तक मालिकाना हक के बावजूद भूखण्ड मालिक कच्चा और पक्का निर्माण नहीं करवा सकता। अगर इन नियमों के विपरीत कहीं निर्माण कार्य हो रहा है तो प्राधिकरण के अधिकारी इसकी लिखित शिकायत संबंधित राजस्व अधिकारी या फिर क्षेत्र के तहसीलदार से करेंगे।
इस शिकायत पर संबंधित तहसीलदार को राजस्व धारा 91 के तहत किसी एजेंसी से संबंधित निर्माण कार्य को हटाकर यातायात व्यवस्था के मानदण्डों को सुचारू रखने का प्रावधान है। इससे पहले भूखण्ड मालिक को रजिस्ट्री के दौरान संबंधित अधिकारी की ओर से हाईवे किनारे का दायरा बताते हुए निर्माण की हिदायत दी जाती है। यहां दिखी गड़बड़ी - राजसमंद मार्ग से कटकर ओवरब्रिज पर चढक़र गोगुंदा की ओर बढ़ते समय पेट्रोल पंप के आगे करीब 8-10 दुकानों का निर्माण जारी। - गोतमेश्वर महादेव क्षेत्र स्थित नाले से गुजरते समय हाईवे पर सडक़ से सटकर तैयार हो रही है नई दुकानें। - गोगुंदा और ईसवाल क्षेत्र में सडक़ किनारे गत दिनों तैयार हुई दुकानें। - देवल क्षेत्र में हाई-वे से सटकर संचालित कच्ची दुकानें। करते हैं शिकायत हम क्षेत्र के राजस्व अधिकारी को नियम विरुद्ध निर्माण से जुड़ी सूचनाएं दी जाती हैं।
कार्रवाई करना संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी और स्थानीय पुलिस के हाथ में होता है। नए निर्माण को लेकर अन्य जानकारी जुटाकर एक बार फिर शिकायत दर्ज कराएंगे।
वी.एस. मील, प्रबंध निदेशक, एनएचएआई उदयपुर
Updated on:
05 Nov 2017 01:47 pm
Published on:
05 Nov 2017 12:05 pm
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