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पड़ताल में खुला पर्ची का खेल, राजस्थान के इस बड़े हॉस्पिटल में चल रहा है यह धंधा !

locationउदयपुरPublished: Apr 18, 2019 02:22:08 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में पार्किंग को लेकर टेंडर का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि यहां ठेकेदार की मनमर्जी चलती है। पार्किंग के लिए नियमावली एवं राशि तय है, लेकिन ठेकेदार ने अपनी इच्छा से एक अलग पर्ची चला रखी है। वह इस पर्ची से मरीजों एवं उनके तिमारदारों की जेब तराश रहा है।

Illegal recovery in the name of parking in Udaipur hospital

पड़ताल में खुला पर्ची का खेल, राजस्थान के इस बड़े हॉस्पिटल में चल रहा है यह धंधा !

भुवनेश पण्ड्या/उदयपुर . महाराणा भूपाल हॉस्पिटल (Maharana Bhupal hospital) में पार्किंग को लेकर टेंडर का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि यहां ठेकेदार की मनमर्जी चलती है। पार्किंग (parking) के लिए नियमावली एवं राशि तय है, लेकिन ठेकेदार ने अपनी इच्छा से एक अलग पर्ची चला रखी है। वह इस पर्ची से मरीजों एवं उनके तिमारदारों की जेब तराश रहा है। अधिकारियों को इसका पता है, लेकिन ठेकेदार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। ठेकेदार की दलील है कि तय राशि ज्यादा होने से कोई नहीं देता, इसलिए ऐसा किया गया है।
ऐसे हो रही गड़बड़
मरीज से मिलने आने वाले ज्यादातर तिमारदार बहुत कम समय तक ही हॉस्पिटल में रुकते हैं। ऐसे में उन्हें तीन घंटे के नियमानुसार केवल पांच रुपए ही देने होते हैं, जबकि नकली पर्ची के माध्यम से उनसे दस रुपए लिए जा रहे हैं। पत्रिका की टीम जब पार्किंगकर्मी से बात करने पहुंची तो पता चला कि वह सभी को यह ही नकली पर्चियां बांट रहा है। पूछने पर उसने बताया कि यह उसे ठेकेदार ने दी है। इस पर उसका कहना था कि तीन घंटे के बाद लोग ज्यादा पैसे नहीं देते, इसलिए उससे इस पर्ची से वह कम राशि ले रहा है।
26 लाख का ठेका
पार्किंग का 26 लाख रुपए का ठेका है। अगस्त 2018 से भैरूनाथ सर्विसेज को यह काम दिया गया है। अधिकांश ऐसी जगहों पर पार्किंग हो रही है, जहां सडक़ है या पार्किंग के लिए स्थान तय नहीं है। ऐसे में आने-जाने वालों को परेशानी होती है। सभी पार्किंगकर्मी तय ड्रेस में नहीं रहते है। ऐसे में पता ही नहीं चलता कि वे यहां का काम कर रहे हैं।
ये है असली पर्ची
टेंडर की शर्तों के अनुरूप जो पर्ची महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में चलाई जा रही है, उसमें पहले चिकित्सालय का पूरा नाम, दिनांक, वाहन नम्बर एवं पर्ची क्रमांक उल्लेख है। साथ ही इस पर आने-जाने का समय लिखा जाना चाहिए।
नियमावली यह, तय है पार्किंग शुल्क :

प्रति विजिट तीन घंटे तक पांच रुपए टू व्हीलर।
प्रति विजिट तीन घंटे तक 20 रुपए चार पहिया।
दैनिक पास टू व्हीलर- 30 रुपए
टू व्हीलर तीन घंटे बाद-20 रुपए
फोर व्हीलर तीन घंटे बाद- 30 रुपए
गाड़ी में रखे सामान की जिम्मेदारी स्वयं की होगी।
कानूनी कार्रवाई के लिए गाड़ी का इंश्योरेंस जरूरी है।

एक शिकायत पर गया था कलक्ट्रेट
पार्किंग में ज्यादा राशि लेने की शिकायत गत दिनों एडीएम से की गई थी। वह 2005 की दरों पर शिकायत कर रहे थे, जबकि अब दर बढ़ गई है। पार्किंग की जगह मुझे नहीं दी गई, इसलिए गाडिय़ां सडक़ किनारे खड़ी करनी पड़ती हैं। जहां काम छह आदमियों से होता था, मैंने अब 35 आदमी लगा रखे हैं। प्राइवेट एम्बुलेंस सहित यहां करीब 80 वाहन ऐसे हैं जो कभी पैसा नहीं देते हैं। पार्किंगकर्मी से मारपीट भी कर रहे हैं। मैंने इसे लेकर करीब 20 बार चिकित्सालय प्रशासन को पत्र लिखे हैं। कमलेश्वर सोलंकी, ठेकेदार

यह है नकली पर्ची
इस पर्ची पर हॉस्पिटल का नाम रा.मा.भू चिकित्सालय लिखा है, ताकि बाद में कोई किसी अधिकारी को बताकर यह स्पष्ट नहीं कर सके कि यह यहां पर पार्किंग में दी गई पर्ची है। इसमें टू व्हीलर, स्कूटर, मोटर साइकिल व मोपेड के लिए दस रुपए की पर्ची बनाई गई है। इस पर पार्किंग स्टेंड लिखा है। टोकन संख्या, वाहन संख्या, समय और दिनांक लिखने के स्थान को खाली छोड़ा गया है।
कुछ शिकायतें मिली हैं, जिन्हें दूर करने के लिए काम कर रहे हैं, ठेकेदार को पहले भी व्यवस्था सुधारने के लिए कहा गया है, तय राशि से ज्यादा राशि या अन्य पर्ची किसी हाल में नहीं चलाई जा सकती। – डॉ लाखन पोसवाल,अधीक्षक, महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
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