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काफिला पाली, देसूरी की नाल होते हुए गोमती चौराहा पहुंचा, जहां बड़ी तादाद में लोगों ने शहीद को नमन किया। लोग हाथों में फूल-मालाएं लेकर घंटों तक इंतजार में खड़े रहे। शाम छह बजे शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद दिवेर होते हुए यात्रा सवा सात बजे कामलीघाट पहुंची, जहां सैकड़ों लोगों ने ‘परवेज जिन्दाबाद’, ‘मगरा का लाल अमर रहे’ के गगनभेदी नारे लगाए। लोगों ने नम आंखों से शहीद को नमन किया। इसके बाद यात्रा भीम के लिए रवाना हो गई। रास्ते में कई जगह पर शहीद के आखिरी दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। यात्रा भीम होकर ब्यावर जाएगी, जहां रात्रि में ठहराव होगा। सुबह वहां से पार्थिव देह शेखावास के लिए रवाना होगी, जहां वह सुपुर्दे खाक होगी। दूसरी ओर, दिनभर ग्रामीण पार्थिव देह पहुंचने का इंतजार करते रहे। शहीद के परिजन जोधपुर एयरपोर्ट पहुंच गए थे।
काफिला पाली, देसूरी की नाल होते हुए गोमती चौराहा पहुंचा, जहां बड़ी तादाद में लोगों ने शहीद को नमन किया। लोग हाथों में फूल-मालाएं लेकर घंटों तक इंतजार में खड़े रहे। शाम छह बजे शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद दिवेर होते हुए यात्रा सवा सात बजे कामलीघाट पहुंची, जहां सैकड़ों लोगों ने ‘परवेज जिन्दाबाद’, ‘मगरा का लाल अमर रहे’ के गगनभेदी नारे लगाए। लोगों ने नम आंखों से शहीद को नमन किया। इसके बाद यात्रा भीम के लिए रवाना हो गई। रास्ते में कई जगह पर शहीद के आखिरी दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। यात्रा भीम होकर ब्यावर जाएगी, जहां रात्रि में ठहराव होगा। सुबह वहां से पार्थिव देह शेखावास के लिए रवाना होगी, जहां वह सुपुर्दे खाक होगी। दूसरी ओर, दिनभर ग्रामीण पार्थिव देह पहुंचने का इंतजार करते रहे। शहीद के परिजन जोधपुर एयरपोर्ट पहुंच गए थे।