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आंखें खोलते ही मासूम का ढाई लाख में सौदा, सामाजिक बेडिय़ों और मजबूरी से हार कर उठाया कदम..

locationउदयपुरPublished: Jun 27, 2019 01:13:17 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

– निष्ठुर दुनिया, प्रसव के ठीक बाद परिजनों ने नकदी लेकर सौंपा बच्चा
– कुंवारी मां बनने के बाद उठाया कदम

प्रसव के ठीक बाद परिजनों ने नकदी लेकर सौंपा बच्चा

प्रसव के ठीक बाद परिजनों ने नकदी लेकर सौंपा बच्चा

भुवनेश पंड्या

उदयपुर . एक मासूम जन्म लेते ही सौदेबाजी की भेंट चढ़ गया। उसे क्या मालूम था कि वह ऐसे घर में पैदा हो रहा है जिसे उसकी जरूरत ही नहीं है। निष्ठुर दुनिया से बेखबर यह नन्ही जान अपनी आंखों की पुतलियां घुुमाकर कुछ समझ पाती, उससे पहले ही जिस मां ने उसे नौ माह अपनी कोख में महफूज रखा, उसने सामाजिक बेडिय़ों और मजबूरी से हार कर उसे खुद से अलग कर दिया। हालात ने ऐसी करवट बदली कि पलभर में मासूम के मां-बाप, परिवार सहित सब कुछ बदल दिया गया। यह कहानी ठीक एक वर्ष पहले की है।
बेदला निवासी सोनिका (परिवर्तित नाम) अपने ही परिजन का शिकार बनकर कुंवारी मां बन गई। 20 फरवरी 2018 को जनाना हॉस्पिटल में उसका प्रसव हुआ। उसने एक सुन्दर बेटे को जन्म दिया। बेटा जन्म लेते ही पूरे परिवार की आंखों की किरकिरी बन गया। कुछ परिजन उसे पालने की बात करने लगे तो कुछ उसे किसी और को सौंपने की। आखिरकार उसका सौदा हो गया। ईश्वर ने एक एम्बुलेंस चालक राजेश शर्मा और उसकी आया सलोनी (परिवर्तित नाम) को उसका पालनहार बनाकर भेजा। सलोनी कुछ समय पहले तक उसी वार्ड में काम करती थी, जिसमें सोनिका का प्रसव हुआ।
ऐसे हुआ सौदा

सोनिका एवं युवक के परिजनों ने उनके बेटे को एम्बुलेंस चालक को देने का फैसला किया। परिजनों ने एम्बुलेंस चालक से चार लाख रुपए की मांग की, लेकिन राशि ज्यादा होने से सौदेबाजी का दौर शुरू हुआ। आखिर सौदा करीब ढाई लाख रुपए में हुआ। इसमें समाज के ऐसे पंच भी शामिल हुए जो स्थानीय स्तर पर सामाजिक फैसले लेते हैं। आखिरकार बच्चा अब सोनिका से दूर सलोनी की गोद में पहुंच गया।
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मासूम को पालने के लिए छोड़ी नौकरी

बच्चा सलोनी को देने से पूर्व किसी की सलाह पर 500 रुपए के स्टाम्प पर बच्चे की तकदीर यानी गोदनामा लिखा गया। बाद में वह एम्बुलेंस चालक और आया की आंखों का तारा हो गया। सलोनी बेहद खुश है क्योंकि मां बनने की उसकी आशा पूरी हो चुकी है। सलोनी ने उसे पालने के लिए अपनी संविदा नौकरी तक छोड़ दी है।
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दत्तक मां-बाप को बच्चा छीनने का भय

गोद लेने वाले माता-पिता से जब पत्रिका ने बातचीत की तो वे काफी डरे हुए थे और सोच रहे थे कि कहीं बच्चे को उनसे कोई छीन न ले। पिता ने उस बच्चे का फोटो अपने मोबाइल की स्क्रीन पर लगा रखा है।
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