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जगदीश का अगला लक्ष्य कैटलीना चैनल

locationउदयपुरPublished: Jan 05, 2019 02:31:05 am

Submitted by:

Manish Kumar Joshi

दिव्यांग तैराकों संग बनाएंगे विश्व रिकॉर्ड, इंग्लिश चैनल का रिकॉर्ड दर्ज हुआ लिम्का बुक में

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जगदीश का अगला लक्ष्य कैटलीना चैनल

उदयपुर. राजस्थान के राजसमंद जिले के केलवा गांव के दिव्यांग तैराक जगदीश तेली ने इंग्लिश चैनल पार करने के बाद अब अपना लक्ष्य कैलिफोर्निया अमेरिका में केटलीना चैनल को पार करने का बनाया है और इसके लिए वे जी जान से तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ 24 जून को अन्य तीन दिव्यांग तैराकों के साथ इंग्लिश चैनल को पार करने का उनका रिकॉर्ड लिम्का बुक में दर्ज कर लिया गया है जिसे फरवरी के अंक में प्रकाशित किया जाएगा।
जगदीश ने विशेष बातचीत में बताया कि उनकी इंडियन पैरा रिले टीम इंग्लिश चैनल के रिकॉर्ड से बहुत उत्साहित है व अगला लक्ष्य कैटलीना चैनल बनाया है। राजस्थान से वे एकमात्र पैरा स्विमर हैं जबकि टीम के अन्य सदस्य महाराष्ट्र से चेतन गिरधर राउत, ग्वालियर से सत्येंद्रसिंह, पश्चिम बंगाल से रिमो साहा हैं। कैटलीना चैनल का रास्ता 42 किलोमीटर लम्बा है व यहां अक्सर हाई टाइड की चुनौती सामने आती है। चारों पैरास्विमर की टीम मिलकर रिले स्विमिंग के माध्यम से इस चुनौती का सामना करेंगे। इस विश्व रिकॉर्ड की खास बात होगी कि वही रिले टीम इस चैनल को पार करेगी जिसने इंग्लिश चैनल पार किया है। इस चैनल के लिए वे जनवरी में पूणे में कोच रोहन मोरे ट्रेनिंग शुरू करेंगे।
इस चैनल को पार करने में अनुमानित 12 से 15 घंटे का समय लगता है। जगदीश ने बताया कि उनकी चार सदस्यीय टीम ने 24 जून को इंग्लिश चैनल पार किया था जिसे लिम्का बुक में दर्ज करने संबंधी पत्र उन्हें हाल ही में मिला है। फरवरी में सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस चैनल को पार करने में 12 घंटे 26 मिनट का समय लगा था।
स्पोंसर की तलाश
2008 से स्विमिंग कर रहे व नेशनल में 67 मैडल, सी स्विमिंग के 23 से ज्यादा कंपीटीशन में टॉप-10 में शामिल हो चुके अंतरराष्ट्रीय तैराक जगदीश ने बताया कि कैटलीना चैनल के लिए उन्हें स्पोंसर की तलाश है। इस साहसिक अभियान में कम से कम 10 से 12 लाख का खर्च आएगा। जगदीश बताते हैं कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय तैराक लीना शर्मा के निर्देशन में 2008 में स्विमिंग सीखी तथा उदयपुर के खेलगांव में वरिष्ठ तैराकी प्रशिक्षक महेश पालीवाल के सान्निध्य में भी 2015 से 2017 तक गहन प्रशिक्षण लिया। अब उनका पूरा फोकस ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स वल्र्ड चैंपियनशिप के मैडल पर है।

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